बिलासपुर: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आयोजित कांग्रेस (Congress) की ‘वोट चोर-गद्दी छोड़’ सभा में एकजुटता की बजाय मंच पर गुटबाज़ी हावी रही। मंच पर प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की मौजूदगी में नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे शब्दबाण चलाए और अंदरूनी मतभेद खुलकर सामने आए।
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टीएस सिंहदेव के बयान पर अप्रत्यक्ष हमला करते हुए कहा कि अब कोई यह न बोले कि कांग्रेस की हार सरकार के काम न करने की वजह से हुई। उन्होंने भाजपा पर वोट चोरी के आरोप लगाते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की हार ईवीएम हेराफेरी और चुनाव आयोग की मिलीभगत का नतीजा है।
इसी सभा में मंच पर तब हंगामा खड़ा हो गया जब सचिन पायलट के आते ही पूर्व मंत्री अमरजीत भगत से माइक छीन लिया गया। अमरजीत अपने भाषण में थे, तभी मंच संचालक ने उन्हें रुकने का इशारा किया, लेकिन बात खत्म करने से पहले ही प्रदेश सहप्रभारी विजय जांगिड़ ने माइक छीन लिया। अब यह वीडियो वायरल हो गया है और इसे भगत के अपमान के तौर पर देखा जा रहा है।
आदिवासियों की घोर विरोधी कांग्रेस,आदिवासियों को पल पल अपमानित करती कांग्रेस..कांग्रेस के आदिवासी नेताओं का अपमान करना ,भाजपा के आदिवासी नेताओं के साथ षडयंत्र करना यही कांग्रेस का काम है कांग्रेस के दिग्गज आदिवासी नेता अमरजीत भगत को सरेआम जलील किया गया @kcvenugopalmp @RahulGandhi pic.twitter.com/eQmx1vYyjd
— CA AMIT CHIMNANI (@caamitchimnani) September 9, 2025
पूर्व मंत्री शिव डहरिया ने भी मंच से तल्खी दिखाते हुए कहा कि हमारे कार्यकर्ता किसी के “चमचे” नहीं हैं। यह बयान सीधे तौर पर नेता प्रतिपक्ष चरणदास महंत की उस टिप्पणी पर पलटवार माना जा रहा है जिसमें उन्होंने कहा था कि कुछ नेता अपने चमचों के दम पर पद हासिल करना चाहते हैं।
दरअसल, कुछ दिन पहले रायपुर में हुई एक बैठक में चरणदास महंत ने जिला अध्यक्षों से कहा था कि बाहर जाने वाली बातों के लिए नेता नहीं बल्कि उनके चमचे जिम्मेदार हैं, और ये चमचे ही तय करते हैं कि कौन सीएम बने और कौन प्रदेश अध्यक्ष।
सभा का मूल उद्देश्य केंद्र की मोदी सरकार और चुनाव आयोग के खिलाफ विपक्ष की एकजुटता दिखाना था, लेकिन मंच पर जो हुआ उसने कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान को उजागर कर दिया। भूपेश बघेल ने जहां भाजपा पर तीखा हमला बोला, वहीं टीएस सिंहदेव के पहले दिए गए बयान से साफ होता है कि कांग्रेस हार की जिम्मेदारी को लेकर एक राय में नहीं है।
कार्यक्रम में प्रदेश भर से कांग्रेस नेता शामिल हुए थे। मगर नेताओं की जुबानी जंग और मंच पर माइक छीनने जैसी घटनाएं बताती हैं कि कांग्रेस को पहले खुद के भीतर की लड़ाई सुलझानी होगी, तभी वह जनता को अपने पक्ष में ला सकेगी।