माकपा-कांग्रेस हैं ‘डूबते जहाज’, उनके उम्मीदवारों की जमानत जब्त हो जाएगी : त्रिपुरा के मंत्री रतन लाल

त्रिपुरा के कृषि एवं ऊर्जा मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रतन लाल नाथ ने शनिवार को माकर्सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस को डूबता

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  • Updated On - April 6, 2024 / 08:10 PM IST

अगरतला, 6 अप्रैल (आईएएनएस)। त्रिपुरा के कृषि एवं ऊर्जा मंत्री और वरिष्ठ भाजपा नेता रतन लाल नाथ (Senior BJP leader Ratan Lal Nath) ने शनिवार को माकर्सवादी कम्‍युनिस्‍ट पार्टी (माकपा) और कांग्रेस को डूबता जहाज (Congress is sinking ship) करार देते हुए कहा कि इन दोनों पार्टियों के उम्मीदवार राज्य की दो लोकसभा सीटों पर अपनी जमानत गंवा देंगे।

भाजपा के नेतृत्व वाली त्रिपुरा सरकार में मुख्यमंत्री माणिक साहा के बाद दूसरे नंबर के नेता रतन लाल नाथ ने कहा कि हर कोई अच्छी तरह से जानता है कि कांग्रेस और माकपा डूबते जहाज हैं और कोई भी उनका समर्थन नहीं करेगा।

पश्चिम त्रिपुरा जिले के मोहनपुर स्थित आदिवासी बहुल क्षेत्र लेफुंगा में एक संयुक्त चुनाव पार्टी कार्यालय खोलने के बाद उन्होंने मीडिया से कहा, “अब बड़ी संख्या में कांग्रेस, माकपा और अन्य दलों के समर्थक हर दिन डूबते जहाज को छोड़कर भाजपा और टिपरा मोथा पार्टी (टीएमपी) में शामिल हो रहे हैं। मुझे विश्‍वास है कि दोनों लोकसभा सीटों पर हमारे उम्मीदवार रिकॉर्ड वोटों के अंतर से जीतेंगे।”

वाम दलों को हराकर पहली बार त्रिपुरा में सत्ता में आने से एक साल पहले 2017 में भाजपा में शामिल हुए रतन लाल नाथ ने आरोप कहा कि माकपा के त्रिपुरा राज्य सचिव जितेंद्र चौधरी, जिन्हें हाल ही में नेता प्रतिपक्ष बनाया गया था, लोकसभा चुनाव के बाद पद पर नहीं रह पाएंगे।

उन्होंने यह भी संदेह जताया कि कांग्रेस के तीन विधायक – सुदीप रॉय बर्मन, बिराजित सिन्हा और गोपाल रॉय संसदीय चुनाव के बाद क्या पार्टी में बने रहेंगे।

हालांकि, नाथ ने यह बताने से इनकार कर दिया कि कांग्रेस के तीन विधायक भाजपा में शामिल होंगे या नहीं।

उन्होंने कहा, “वे (माकपा-कांग्रेस) विभाजन चाहते हैं और हम (भाजपा-टीएमपी-आईपीएफटी) थानसा (आदिवासी भाषा में एकता) चाहते हैं। हम सभी जानते कि 1980 के दशक में जातीय दंगा किसने किया था, इसलिए कोई भी त्रिपुरा में विभिन्न समुदायों के बीच विभाजन नहीं चाहता।”

उन्होंने कहा, “मेरा मानना है कि भविष्य में ‘एक त्रिपुरा, श्रेष्ठ त्रिपुरा’ होगा और इस बार एनडीए 400 सीटें जीतेगा।”

इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) त्रिपुरा में भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार की पुरानी सहयोगी है।

दो लोकसभा सीटों – त्रिपुरा पश्चिम और पूर्वी त्रिपुरा संसदीय क्षेत्रों में क्रमशः 19 और 26 अप्रैल को मतदान होगा।