नई दिल्ली, 2 अप्रैल (आईएएनएस)। दिल्ली सरकार (Delhi Government) में मंत्री आतिशी का कहना है कि उन्हें भाजपा में शामिल होने का प्रस्ताव दिया गया है। आतिशी के मुताबिक, उनसे कहा गया है कि यदि वह भाजपा में शामिल नहीं होती हैं तो उन्हें आने वाले दिनों में गिरफ्तार कर लिया जाएगा। उनके एक नजदीकी सहयोगी को इसके लिए अप्रोच किया गया था।
उन्होंने कहा कि इस पूरी कवायद का उद्देश्य लोकसभा चुनाव से पहले उनकी पार्टी की एकता और ताकत को बाधित करना है।
मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में आतिशी ने घोषणा की कि आगामी दो महीनों में उन्हे, सौरभ भारद्वाज, दुर्गेश पाठक और राघव चड्ढा को गिरफ्तार किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि यह कदम ‘आप’ के नेतृत्व को खत्म करने के लिए उठाया जाएगा।
आतिशी का कहना है कि भाजपा के प्रस्ताव का पालन करने से इनकार करने पर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा एक महीने के भीतर उनकी गिरफ्तारी हो सकती है।
आम आदमी पार्टी नेता के मुताबिक विजय नायर की रिपोर्टिंग से संबंधित बयान पहले से ही ईडी और सीबीआई के पास हैं। यह बयान करीब बीते डेढ़ वर्ष से ईडी के पास है। उन्होंने कहा, “इन पुराने बयानों को पुनर्जीवित करने में भाजपा की अचानक दिलचस्पी बढ़ गई है। यह हरकत आम आदमी पार्टी को कमजोर करने की उनकी हताशा को रेखांकित करती है। अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसौदिया, संजय सिंह और सत्येन्द्र जैन जैसे प्रमुख नेताओं को जेल में इसीलिए डाला गया है ताकि आम आदमी पार्टी कमजोर हो सके, लेकिन दिल्ली सरकार अभी भी अच्छी तरह से अपना काम कर रही है।”
आतिशी ने आरोप लगाया कि भाजपा की रणनीति आम आदमी पार्टी के नेतृत्व को व्यवस्थित रूप से कमजोर करना है जिससे आगामी चुनावी लड़ाई से पहले इसकी नींव और संभावनाएं कमजोर हो जाए, लेकिन ऐसा नहीं होगा।
सोमवार को दिल्ली एक्साइज पॉलिसी मामले में दिल्ली के मुख्यमंत्री की न्यायिक हिरासत के लिए ईडी की अर्जी में कहा गया था कि अपने बयान में अरविंद केजरीवाल ने दावा किया था कि एक आरोपी विजय नायर ‘आप’ नेता आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करता था, न कि उन्हें। ‘
आप’ के पूर्व संचार प्रभारी विजय नायर को जांच एजेंसी ने गिरफ्तार किया था। इस मामले में साउथ ग्रुप के सदस्य – के. कविता, एस रेड्डी, राघव मगुंटा और ‘आप’ नेता मनीष सिसौदिया एवं संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया गया।
ईडी ने कहा था कि विजय नायर की बातचीत और रिपोर्टिंग के बारे में पूछे जाने पर, सीएम केजरीवाल ने कहा कि नायर उन्हें नहीं बल्कि मंत्रि आतिशी और भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे और संचार प्रभारी के साथ उनकी बातचीत सीमित थी। विजय नायर के बयानों से पता चलता है कि वह एक कैबिनेट मंत्री के बंगले में रहे और सीएम के कैंप कार्यालय से काम करता था।