नई दिल्ली, 25 जुलाई (आईएएनएस)। सोशल मीडिया (social media) पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें एक बीमार शख्स को सड़क किनारे लिटाकर ऑक्सीजन दिया जा रहा है। यह वीडियो उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद का बताया जा रहा है। वीडियो को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने शेयर करते हुए उत्तर प्रदेश की स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल उठाने की कोशिश की।
अब इस वायरल वीडियो की सच्चाई खुद फिरोजाबाद के डीएम रमेश रंजन ने बताई है। उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा “वीडियो में दिख रहे सड़क पर पड़े मरीज के सामने न कोई जिला अस्पताल है, न ही कोई सरकारी अस्पताल। इस तरह का भ्रामक वीडियो जिसके द्वारा बनाया गया है, उसके खिलाफ हम लोग विधिक कार्रवाई करेंगे। मरीज का परिवार निजी दुकान से कहीं से सिलेंडर लेने गया। वहां से उन्होंने सिलेंडर लिया और फिर घर चले गए। इसमें कहीं सरकारी सिस्टम का कुछ लेना-देना नहीं था। यह सूचना बिल्कुल भ्रामक थी, उसका मैं खंडन करता हूं। लोगों से रिक्वेस्ट करता हूं कि गलत सूचना न शेयर करें।
डीएम रमेश रंजन ने बताया कि गुरुवार को प्रशासन ने मरीज को घर में जाकर आईडेंटिफाई किया। उनका इलाज घर पर चल रहा था। अब मरीज अस्पताल में है। पहले टीबी का मरीज बताया गया था, उसका इलाज आगरा में सही से चल रहा है।
दरअसल, प्रियंका गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, “फिरोजाबाद, यूपी का यह वीडियो हमारे बीमार हेल्थ सिस्टम की कहानी बयां कर रहा है। महंगे इलाज का बोझ महंगाई से जूझ रही जनता को खुद उठाना पड़ रहा है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इलाज के महंगे खर्च की वजह से देश में हर साल छह करोड़ से ज्यादा लोग गरीबी में चले जाते हैं। नेशनल हेल्थ पॉलिसी का लक्ष्य पाने के लिए जितना बजट चाहिए, मौजूद हेल्थ बजट उससे 73 प्रतिशत कम है। जनता की मांग- जान बचाओ; भाजपा की प्राथमिकता – कुर्सी बचाओ।”
इससे पहले समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी राज्य के स्वास्थ्य विभाग पर सवाल उठाते हुए एक्स पर लिखा, ”उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य व्यवस्था फुटपाथ पर… और कुछ नहीं कहना है क्योंकि बाकी सब यह तस्वीर कह रही है। भाजपा वाले समझ लें, अपनी कुर्सी बचाने से बड़ा काम जनता की जान बचाना है। कोई है?”