नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) ने नीति आयोग की नौवीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक (Ninth Governing Council meeting of NITI Aayog) में सिर्फ 5 मिनट बोलने का मौका देने और बाद में माइक बंद करने का आरोप लगाते हुए बैठक से वॉकआउट कर दिया।
हालांकि, सरकार की तरफ से ममता बनर्जी के आरोपों को पूरी तरह से गलत और निराधार बताते हुए कहा गया है कि पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक बंद नहीं किया गया था। नियमों के आधार पर उनके बोलने की बारी लंच के बाद आनी थी। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें बैठक में सातवें वक्ता के रूप में बोलने का मौका दिया गया, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।
भारत सरकार के संबंध में आने वाली भ्रामक खबरों का फैक्ट चेक कर सही तथ्य लोगों के सामने रखने वाली पीआईबी की फैक्ट चेक ईकाई ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर ममता बनर्जी के बयान को शेयर करते हुए कहा, “यह दावा किया जा रहा है कि नीति आयोग की 9वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक के दौरान पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री का माइक्रोफोन बंद कर दिया गया था। ये दावा भ्रामक है। घड़ी ने केवल यह दिखाया कि उनके बोलने का समय समाप्त हो गया था। यहां तक कि इसे चिह्नित करने के लिए घंटी भी नहीं बजाई गई।”
पीआईबी फैक्ट चेक ने आगे बताया, “अल्फाबेट के अनुसार, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री की बारी (बैठक में भाषण देने की) दोपहर के भोजन के बाद आती। लेकिन, पश्चिम बंगाल सरकार के आधिकारिक अनुरोध पर उन्हें सातवें वक्ता के रूप में बैठक में शामिल किया गया था, क्योंकि उन्हें जल्दी लौटना था।”