नई दिल्ली/मुंबई: भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप (Asia Cup) क्रिकेट मैच को लेकर देश में सियासी घमासान तेज हो गया है। विपक्षी दलों और शहीदों के परिजनों ने इस मुकाबले को पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए निर्दोष लोगों और सीमा पर शहीद हुए सैनिकों का अपमान बताया है।
शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने महाराष्ट्र में ‘सिंदूर आंदोलन’ शुरू करने का ऐलान किया और कहा कि पाकिस्तान से आतंक खत्म न होने तक किसी भी तरह का संबंध नहीं रखा जाना चाहिए — न खेल का, न व्यापार का।
ठाकरे ने केंद्र सरकार पर हमला बोलते हुए पूछा, “क्या अब केंद्र सरकार ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को भी बंद करने जा रही है?” उन्होंने देशभक्तों से अपील की कि इस मैच को न देखें और पाकिस्तान के खिलाफ एकजुट होकर संदेश दें कि देश की सुरक्षा सर्वोपरि है।
आप नेता सौरभ भारद्वाज ने दिल्ली में पाकिस्तान के खिलाड़ियों का पुतला जलाकर विरोध जताया। उन्होंने कहा, “यह मैच उन महिलाओं का अपमान है, जिन्होंने अपने पति खोए हैं। पाकिस्तान के क्रिकेटर हमारे वीरों की विधवाओं का मजाक उड़ाते हैं, और हम उनके साथ खेलेंगे?”
पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कारोबारी शुभम द्विवेदी की पत्नी ऐशान्या ने भी जनता से मैच का बहिष्कार करने की अपील की। उन्होंने कहा, “बीसीसीआई को शहीदों के परिजनों की भावनाओं की कोई परवाह नहीं है। जिनका कोई नहीं गया, उन्हें यह दर्द नहीं समझ आता।”
कांग्रेस, एनसीपी (शरद पवार गुट) और एआईएमआईएम नेताओं ने भी भारत-पाक मैच पर कड़ा ऐतराज जताया है और इसे “राष्ट्रीय भावना के खिलाफ” करार दिया है।
वहीं, शिंदे गुट की शिवसेना ने ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि जिन लोगों ने हिंदुत्व छोड़कर सत्ता के लिए समझौते किए, उन्हें अब नैतिकता की बात नहीं करनी चाहिए।
शिवसेना नेता और सांसद नरेश म्हास्के ने कहा, “ठाकरे पाकिस्तान की तारीफ करते हैं, अब खेल के खिलाफ बोल रहे हैं। यह दिखावा है।”
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने कहा कि इस मुद्दे पर देश में अलग-अलग राय हो सकती है। उन्होंने कहा, “एक देश में 140 करोड़ लोग रहते हैं, सबकी राय एक जैसी नहीं हो सकती। कुछ लोग मानते हैं कि जब रिश्ते अच्छे नहीं हैं तो खेल भी नहीं होना चाहिए, तो कुछ खेल को समर्थन भी दे सकते हैं।”
