UNGA में जयशंकर का बड़ा हमला: “आतंक का ग्लोबल अड्डा है भारत का पड़ोसी देश”
By : dineshakula, Last Updated : September 28, 2025 | 12:30 pm
By : dineshakula, Last Updated : September 28, 2025 | 12:30 pm
लोकेशन: न्यूयॉर्क, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय: संयुक्त राष्ट्र महासभा (UNGA) के 80वें सत्र को संबोधित करते हुए भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने आतंकवाद को लेकर कड़ा संदेश दिया और परोक्ष रूप से पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय मंच पर आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि “जो देश आतंक का समर्थन करते हैं, वे खुद भी उसके शिकार बनते हैं।”
जयशंकर ने भाषण की शुरुआत “भारत की जनता की ओर से नमस्कार” कहकर की और कहा, “भारत को आज़ादी के बाद से ही एक ऐसे पड़ोसी का सामना करना पड़ा है, जो वैश्विक आतंकवाद का केंद्र है।”
उन्होंने पाकिस्तान का नाम नहीं लिया, लेकिन स्पष्ट इशारा करते हुए कहा, “पिछले कई दशकों से अधिकांश बड़े आतंकी हमलों के सूत्र एक ही देश से जुड़ते रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि संयुक्त राष्ट्र की आतंकवादी सूची में बड़ी संख्या में उस देश के नागरिक शामिल हैं।
पहलगाम हमले का जिक्र और ऑपरेशन सिंदूर
जयशंकर ने अप्रैल 2025 में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जिक्र किया, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान गई थी। इस हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान समर्थित आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के मोर्चे The Resistance Front (TRF) ने ली थी।
इसके जवाब में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, जिसमें पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया। भारत ने कहा कि 10 मई को पाकिस्तानी सेना ने संघर्षविराम की अपील की, जो भारतीय वायुसेना द्वारा कई पाकिस्तानी एयरबेसों को तबाह किए जाने के बाद हुआ।
आतंकवाद पर वैश्विक सहयोग की अपील
जयशंकर ने दुनिया के देशों से आतंकवाद के खिलाफ मिलकर लड़ने की अपील की। उन्होंने कहा, “जब आतंकवाद को किसी देश की राज्य नीति बना दिया जाता है, जब आतंकी कैंप इंडस्ट्रियल स्केल पर चलते हैं, जब आतंकियों को खुलकर महिमामंडित किया जाता है, तो ऐसे कृत्यों की स्पष्ट और एकमत निंदा होनी चाहिए।”
उन्होंने कहा कि आतंकवाद की फंडिंग को रोका जाए, आतंकियों पर कड़े प्रतिबंध लगाए जाएं और पूरे आतंकी नेटवर्क पर लगातार दबाव बनाए रखा जाए।
जयशंकर ने यह भी कहा कि भारत ‘आत्मनिर्भरता, आत्मरक्षा और आत्मविश्वास’ की भावना के साथ दुनिया से संवाद करता है, और हर हाल में अपने नागरिकों और सीमाओं की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।