नई दिल्ली, 8 अप्रैल ( आईएएनएस)। देश के तमाम राजनीतिक दल लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) में मतदाताओं को लुभाने के लिए लगातार चुनावी रैली और रोड शो कर रहे हैं। चुनाव प्रचार जैसे-जैसे आगे बढ़ रहा है वैसे-वैसे राजनीतिक दल एक दूसरे पर जमकर निशाना साध रहे हैं।
‘एनडीए – 400 पार’ के नारे के साथ चुनावी मैदान में उतरी भाजपा ने एक बार फिर से तुष्टिकरण और धर्म के आधार पर आरक्षण के मुद्दे पर कांग्रेस की तुलना मुस्लिम लीग से करते हुए देश की प्रमुख विपक्षी पार्टी को घेरना शुरू कर दिया है।
भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (BJP National President JP Nadda) ने सोमवार को एक बार फिर से कांग्रेस पर हमला बोलते हुए आरोप लगाया है कि कांग्रेस सत्ता के लिए फिर से देश को बांटने की कोशिश कर रही है।
जेपी नड्डा ने कांग्रेस की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि उन्होंने कांग्रेस का घोषणा पत्र देखा जिसे देखकर उन्हें आश्चर्य हुआ कि यह कांग्रेस का घोषणा पत्र है या मुस्लिम लीग का घोषणा पत्र है। नड्डा ने कहा कि कांग्रेस को जनता ने बार-बार नकारा है लेकिन इसके बावजूद कांग्रेस तुष्टिकरण की राजनीति से बाज नहीं आ रही है।
उन्होने कहा कि देश को बांटने के लिए और सत्ता को पाने के लिए कांग्रेस किस हद तक जा सकती है, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता। राहुल गांधी को भी इसका जवाब देना चाहिए कि केरल के वायनाड से उनके नामांकन के समय कांग्रेस के झंडे क्यों गायब थे,आखिर यह तुष्टिकरण की राजनीति कहां तक जाएगी?
उन्होंने आरोप लगाया कि सिर्फ मुस्लिम लीग के लिए कांग्रेस ने अपने झंडे तक हटा दिए थे। मुस्लिम लीग ने वर्ष 1929 में धर्म के आधार पर जिस आरक्षण की बात कही थी, आज उसी बात को कांग्रेस पार्टी दोहरा रही है। आज अल्पसंख्यक के लिए जिस तरह से धर्म के आधार पर आरक्षण की बात की जा रही है और जो 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण की बात है, वह किसके लिए की जा रही है, कांग्रेस को यह स्पष्ट करना पड़ेगा।
जेपी नड्डा ने कहा कि देश को यह भी नहीं भूलना चाहिए कि यूपीए सरकार के कार्यकाल में इन्होंने बहुसंख्यक समुदाय के खिलाफ एक ऐसा कानून बनाया था, जो संसद से पारित नहीं हो पाया था लेकिन इससे कांग्रेस की मंशा सामने आ गई थी। तुष्टिकरण की राजनीति के लिए देश की जनता ने कांग्रेस को माफ नहीं किया है और आगे भी माफ नहीं करेगी।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने अपने घोषणा पत्र में जिस तरह तुष्टिकरण और आरक्षण के विषय में कहा है, उसका स्पष्टीकरण इन्हें देना पड़ेगा, देश की जनता को बताना पड़ेगा।
दरअसल, कांग्रेस के घोषणा पत्र ने भाजपा को एक बड़ा राजनीतिक अवसर दे दिया है जिसे बार-बार उठाकर भाजपा के आला नेता एक तरफ जहां अपने कैडर बहुसंख्यक वोट बैंक को मजबूती से पार्टी के साथ बनाए रखना चाहते हैं, वहीं दूसरी तरफ इस मुद्दे के सहारे युवा मतदाताओं खासकर फर्स्ट टाइम वोटर्स को भी कांग्रेस के इतिहास और उसकी मंशा को लेकर बड़ा राजनीतिक संदेश देना चाहते हैं।
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