खड़गे के गृह क्षेत्र में ‘महापौर चुनाव’ में जीत से कर्नाटक ‘भाजपा’ उत्साहित

कर्नाटक भाजपा इकाई कलबुर्गी (Karnataka BJP Unit Kalburgi) नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर पद कांग्रेस से छीनने को लेकर उत्साहित है।

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  • Updated On - March 24, 2023 / 12:13 PM IST

बेंगलुरू, 24 मार्च (आईएएनएस)| कर्नाटक भाजपा इकाई कलबुर्गी (Karnataka BJP Unit Kalburgi) नगर निगम में मेयर और डिप्टी मेयर पद कांग्रेस से छीनने को लेकर उत्साहित है। कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे (mallikarjun kharge) की घरेलू मैदान में जीत भाजपा के लिए राहत के रूप में आई है, जो घोटाले के आरोपों और कुछ नेताओं के इस्तीफे से पस्त है।

पीएम मोदी शनिवार को कर्नाटक पहुंच रहे हैं। अमित शाह शुक्रवार को बेंगलुरु का दौरा कर रहे हैं और 26 मार्च को फिर से बीदर के गोरता गांव में सरदार वल्लभभाई पटेल की प्रतिमा का उद्घाटन करने आएंगे।

कलबुर्गी नगर निगम के परिणामों को विपक्षी कांग्रेस और सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा प्रतिष्ठा की लड़ाई के रूप में लिया गया। कलबुर्गी से कोली समुदाय के एक प्रभावशाली नेता, बीजेपी एमएलसी बाबूराव चिंचनासुर ने इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस में शामिल हो गए थे। कई नेताओं के कांग्रेस छोड़ने और कांग्रेस में शामिल होने के बाद भाजपा में संकट बढ़ गया था।

कलबुर्गी नगर निगम में जीत भाजपा के लिए मतदाताओं को सही संकेत देने के लिए सही समय पर आई है। सूत्रों ने बताया कि भाजपा विधायक दत्तात्रेय पाटिल रेवुरा की कोशिश रंग लाई।

भगवा 12 साल बाद सत्ता में आई है। गुरुवार को हुए मतदान में कुल 65 सदस्यों ने हिस्सा लिया। बीजेपी ने 33 वोट हासिल कर जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस को 32 वोट मिले। वह एक वोट से चुनाव हार गई।

कांग्रेस के पास 30 सदस्य थे और भाजपा के पास 34 सदस्य थे। चार सदस्यों वाला जद(एस) किंगमेकर की स्थिति में थी। जद (एस) के सदस्य अलीम पटेल ने मतदान करने से परहेज किया। एआईसीसी अध्यक्ष खड़गे व भाजपा एमएलसी लक्ष्मण सावदी भी अनुपस्थित रहे।

महापौर के चुनाव में एक साल की देरी हुई क्योंकि कांग्रेस ने भाजपा एमएलसी के नाम मतदाता सूची में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया था।

इस बीच, राज्य के युवा एवं खेल मंत्री डॉ. एम.सी. नारायण गौड़ा, जो कांग्रेस में शामिल होने के लिए पूरी तरह तैयार थे, ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ चर्चा के बाद पार्टी में बने रहने का फैसला किया है। उन्होंने पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा से मुलाकात की। इस घटनाक्रम से राज्य में भाजपा के खेमे को बल मिला है।