पीएम मोदी समेत कई नेताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर किया नमन

देश की एकता व अखंडता के लिए संघर्ष करने की जब-जब बात आएगी, डॉ मुखर्जी जी जरूर याद आएंगे।

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  • Publish Date - July 6, 2024 / 11:09 AM IST

नई दिल्ली, 6 जुलाई (आईएएनएस)। ‘एक देश में दो विधान, दो निशान, दो प्रधान नहीं चलेंगे’ का नारा देने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी (ShyamaPrasad Mukherjee) की शनिवार को 123वीं जयंती है। इस मौके पर पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह समेत कई नेताओं ने डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को श्रद्धांजलि दी।

पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने एक्स अकाउंट पर डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी का एक वीडियो पोस्ट किया। पीएम मोदी ने कैप्शन में लिखा, “अपने प्रखर राष्ट्रवादी विचारों से मां भारती को गौरवान्वित करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि।

मातृभूमि के लिए उनका समर्पण और त्याग देशवासियों को सदैव प्रेरित करता रहेगा।” वहीं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एक्स पर पोस्ट किया, “प्रखर राष्ट्रवादी विचारक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की जयंती पर उनका स्मरण कर उन्हें नमन करता हूं।

देश की एकता व अखंडता के लिए संघर्ष करने की जब-जब बात आएगी, डॉ मुखर्जी जी जरूर याद आएंगे। चाहे बंगाल को देश का हिस्सा बनाये रखने के लिए उनका संघर्ष हो या ‘एक निशान, एक प्रधान, एक विधान’ के संकल्प के साथ जम्मू-कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाए रखने के लिए सर्वोच्च बलिदान देना हो, देश की अखंडता के उनके अद्वितीय प्रयासों के लिए प्रत्येक भारतीय उनका ऋणी है। जनसंघ की स्थापना से देश को वैचारिक विकल्प प्रदान करने वाले डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी जी राष्ट्रप्रथम के पथ पर चिरकाल तक दिग्दर्शक रहेंगे।

” इनके अलावा भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने एक्स पर लिखा, “श्रद्धेय डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने राष्ट्र प्रथम के सिद्धांतों पर चलकर राष्ट्र के वैभव और सम्प्रभुता के लिए अपना सर्वस्व अर्पित कर दिए।

कश्मीर हो या बंगाल, अखंडता के लिए उनके बलिदान को कृतज्ञ राष्ट्र कभी नहीं भूलेगा। आज उनकी जयंती पर शत-शत नमन करता हूं। मां भारती के अमर सपूत डॉ. मुखर्जी जी के संघर्ष, समर्पण व देश के उज्ज्वल भविष्य निर्माण में विराट योगदान सदैव हमें मार्गदर्शन प्रदान करता रहेगा।

” बता दें कि डॉ. मुखर्जी को एक ही देश में दो झंडे और दो निशान स्वीकार नहीं थे। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को खत्म करने की शुरुआत सबसे पहले उन्होंने ही की थी। पीएम नरेंद्र मोदी ने साल 2019 में जम्मू-कश्मीर से धारा 370 हटाकर डॉ. मुखर्जी के अधूरे सपनों को साकार किया।