विवादित बयान पर मंत्री की सफाई: बोले- “कर्नल सोफिया कुरैशी से माफी मांगने को 10 बार तैयार हूं”

शाह का इशारा भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी की ओर था, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मीडिया ब्रीफिंग में नजर आई थीं।

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  • Publish Date - May 14, 2025 / 03:32 PM IST

नई दिल्ली: मध्य प्रदेश के मंत्री विजय शाह (Vijay Shah) ने कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर दिए गए विवादित बयान पर सफाई दी है। उन्होंने कहा कि अगर उनके शब्दों से किसी की भावना आहत हुई है, तो वे 10 बार माफी मांगने को तैयार हैं। यह बयान उस वक्त आया जब उनके भाषण में की गई टिप्पणियों को सेना की महिला अधिकारी के लिए अपमानजनक और साम्प्रदायिक बताया गया था।

दरअसल, इंदौर के पास एक जनसभा को संबोधित करते हुए मंत्री विजय शाह ने कहा था कि “जिन लोगों (आतंकियों) ने हमारे बहनों का सिंदूर मिटाया, उन्हें सबक सिखाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी ने उनकी बिरादरी की एक बहन को सेना के विमान में भेजा ताकि उनके घर में घुसकर उन्हें जवाब दिया जा सके।”

शाह का इशारा भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी की ओर था, जो ऑपरेशन सिंदूर के दौरान विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ मीडिया ब्रीफिंग में नजर आई थीं। उन्होंने कहा था, “वो (आतंकी) हमारे हिंदू भाइयों को नंगा करके मारते हैं, लेकिन मोदी जी ने उनकी बिरादरी की बहन को सेना के जहाज में भेजा, ताकि उन्हें उनकी औकात दिखाई जा सके।”

इस बयान के बाद कांग्रेस समेत विपक्षी दलों ने मंत्री शाह पर जमकर हमला बोला। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने इसे “घृणित, सांप्रदायिक और शर्मनाक” बताया। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मंत्री को तत्काल बर्खास्त करने की मांग की। कांग्रेस नेता जितू पटवारी और सचिन पायलट ने भी बयान की निंदा करते हुए इसे महिलाओं, सेना और राष्ट्रीय एकता के खिलाफ बताया।

विवाद बढ़ने पर मंत्री विजय शाह ने सफाई देते हुए कहा, “सोफिया बहन ने जाति-धर्म से ऊपर उठकर भारत का नाम रोशन किया है। वे हमारी अपनी बहन से भी ज्यादा सम्मानित हैं। मैं उन्हें सलाम करता हूं। अगर मेरे किसी बयान से समाज या धर्म की भावनाएं आहत हुई हैं, तो मैं 10 बार माफी मांगने को तैयार हूं।”

कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की सम्मानित अधिकारी हैं और संयुक्त राष्ट्र मिशन की पहली भारतीय महिला कमांडर भी रह चुकी हैं। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका की पूरे देश में सराहना हुई है। उनकी पेशेवर प्रतिबद्धता और देशभक्ति को लेकर सेना और आम जनता में व्यापक सम्मान है।

यह विवाद एक बार फिर इस बात की ओर इशारा करता है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़े विषयों पर बोलते समय जनप्रतिनिधियों को शब्दों का चयन सोच-समझकर करना चाहिए।