Kejriwal: सीएम केजरीवाल जनता के बीच में ‘भावनात्मक कार्ड’ खेलने की कोशिश कर रहे : राकेश सिंह

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति परिवारवाद के खिलाफ बोलता था, जो व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता था, सरकार की अनियमितता के खिलाफ बोलता था, वही, व्यक्ति शराब घोटाले में जेल में रहकर लौटा है।

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  • Publish Date - September 16, 2024 / 11:09 AM IST

भोपाल, (आईएएनएस)। मध्य प्रदेश सरकार के लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह (Rakesh Singh) ने रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि शराब घोटाले में संलिप्तता के बाद सीएम केजरीवाल जनता के बीच में ‘भावनात्मक कार्ड’ खेलने की कोशिश कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति परिवारवाद के खिलाफ बोलता था, जो व्यक्ति भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलता था, सरकार की अनियमितता के खिलाफ बोलता था, वही, व्यक्ति शराब घोटाले में जेल में रहकर लौटा है। शराब घोटाले में उनकी संलिप्तता आई, कोर्ट के आदेश के बाद उन्हें जेल जाना पड़ा। अब वह जनता के बीच में ‘भावनात्मक कार्ड’ खेल रहे हैं। केजरीवाल ने जेल से आने के बाद इस्तीफे की बात कही है, लेकिन तब उन्होंने चिल्ला-चिल्ला कर कहा था कि मैं इस्तीफा नहीं दूंगा।

राकेश सिंह ने कहा कि केजरीवाल की कथनी और करनी दोनों में फर्क है और उन्होंने साबित कर दिया है कि सलाखों के पीछे भी रहकर सरकार चलाई जा सकती है। केजरीवाल भ्रष्टाचारी मुख्यमंत्री का उदाहरण पेश कर रहे हैं। उन्होंने अन्य लोगों को भी प्रेरित कर दिया कि जी भर कर भ्रष्टाचार और घोटाले करो, चिंता की बात नहीं है, जेल जाने के बाद भी मैंने इस्तीफा नहीं दिया, मैंने अपना मापदंड तय कर दिया है।

उन्होंने आगे कहा कि जो व्यक्ति पहले परिवारवाद के खिलाफ बोलते थे, अब वही व्यक्ति अपनी पत्नी को मुख्यमंत्री बनाना चाहते हैं। यह करके केजरीवाल संदेश देना चाहते हैं कि आम आदमी पार्टी में कोई और योग्य नेता नहीं है। यह बात आम आदमी पार्टी (आप) और अरविंद केजरीवाल की कथनी और करनी में बड़ा अंतर दिखाती है, जो पार्टी पहले परिवारवाद के खिलाफ बोलती थी, अब वही पार्टी परिवारवाद को बढ़ावा दे रही है।

तिहाड़ जेल से जमानत पर बाहर निकलने के बाद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को अपने पद से इस्तीफा देने का ऐलान करके राजनीतिक गलियारों में हलचल तेज कर दी। उन्होंने कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए चुनाव आयोग से नवंबर में ही विधानसभा चुनाव कराने की मांग की।

दिल्ली में फरवरी में विधानसभा चुनाव संभावित हैं, लेकिन उससे पहले ही केजरीवाल ने इस्तीफे का ऐलान कर दिया है। उनके इस ऐलान पर भाजपा और कांग्रेस की ओर से तीखी प्रतिक्रिया सामने आई हैं।