नागपुर, महाराष्ट्र: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने नागपुर में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के शताब्दी समारोह के शुभारंभ पर कहा कि संघ के स्वयंसेवकों ने कभी किसी के प्रति कटुता नहीं दिखाई। चाहे उन पर प्रतिबंध लगे हों या साजिशें रची गई हों, उन्होंने हमेशा धैर्य और समर्पण के साथ देश सेवा की है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों की सोच हमेशा समावेशी रही है, उनका मंत्र है कि जो अच्छा है, जो कम अच्छा है, सब हमारा है।
प्रधानमंत्री ने इस मौके पर संघ के योगदान को दर्शाने वाला एक विशेष डाक टिकट और स्मारक सिक्का भी जारी किया। उन्होंने कहा कि यह डाक टिकट केवल स्मृति चिह्न नहीं, बल्कि संघ के देश सेवा के प्रयासों की झलक है। उन्होंने देशवासियों को इसके लिए बधाई दी और संघ के प्रयासों को राष्ट्र के लिए प्रेरणादायक बताया।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की 100 वर्षों की गौरवशाली यात्रा त्याग, निःस्वार्थ सेवा, राष्ट्र निर्माण और अनुशासन की अद्भुत मिसाल है। RSS के शताब्दी समारोह का हिस्सा बनकर अत्यंत गौरवान्वित अनुभव कर रहा हूं।
https://t.co/S4gxc0X3IE— Narendra Modi (@narendramodi) October 1, 2025
मोदी ने कहा कि 100 साल पहले संघ की स्थापना कोई संयोग नहीं था। यह अन्याय पर न्याय और अंधकार पर प्रकाश की जीत के विचार पर आधारित था। संघ भारतीय संस्कृति की उसी राष्ट्र चेतना का पुर्नजागरण है, जो समय-समय पर देश को मार्ग दिखाने के लिए प्रकट होती रही है।
उन्होंने यह भी कहा कि संघ की अलग-अलग धाराएं बनीं, लेकिन उनमें कभी टकराव नहीं हुआ क्योंकि सभी धाराओं का उद्देश्य एक ही रहा है, राष्ट्र प्रथम। संघ ने व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण का मार्ग चुना और शाखा इसकी पद्धति बनी।
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में देश के सामने खड़ी चुनौतियों पर भी बात की। उन्होंने कहा कि घुसपैठियों से देश को बड़ी चुनौती मिल रही है। इसके अलावा जनसंख्या संतुलन में बदलाव और आर्थिक निर्भरता जैसे मुद्दों से सरकार सक्रिय रूप से निपट रही है। उन्होंने कहा कि स्वयंसेवकों ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए ठोस रोडमैप तैयार किया है और सरकार इसमें पूरा सहयोग कर रही है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अपना शताब्दी वर्ष विजयादशमी से शुरू कर रहा है। यह कार्यक्रम 2 अक्टूबर 2025 से 20 अक्टूबर 2026 तक चलेगा। इस दौरान देशभर में सात बड़े आयोजन किए जाएंगे। संघ प्रमुख मोहन भागवत इस दौरान अमेरिका और यूरोप के कुछ देशों में भी कार्यक्रमों में भाग ले सकते हैं।