मानसून सत्र 21 जुलाई से: विपक्ष घेरेगा सरकार, पहलगाम हमला-ऑपरेशन सिंदूर जैसे मुद्दे गरमाएंगे

इस बार का सत्र सिर्फ एक औपचारिक कार्यवाही नहीं, बल्कि बिहार चुनाव से पहले विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच ताकत की असली परीक्षा बन सकता है।

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  • Publish Date - July 20, 2025 / 12:19 PM IST

Monsoon Session:  21 जुलाई से शुरू हो रहा है और पूरे एक महीने यानी 21 अगस्त तक चलेगा। यह सत्र ऐसे समय में हो रहा है जब देश और दुनिया में कई गंभीर घटनाएं घटी हैं, जिन पर बहस होना तय है। विपक्ष पूरी ताकत के साथ सरकार को घेरने की तैयारी में है, वहीं BJP कह रही है—हर सवाल का जवाब तैयार है।

इस बार का सत्र सिर्फ एक औपचारिक कार्यवाही नहीं, बल्कि बिहार चुनाव से पहले विपक्ष और सत्ता पक्ष के बीच ताकत की असली परीक्षा बन सकता है।

पहलगाम आतंकी हमला:
22 अप्रैल को पहलगाम में हुआ आतंकी हमला संसद में सबसे बड़ा मुद्दा बनने जा रहा है। इस हमले में 26 भारतीय मारे गए थे और अब तक हमलावरों का कोई सुराग नहीं लगा। विपक्ष, खासकर कांग्रेस और INDIA गठबंधन, इस हमले की जांच और सुरक्षा विफलता को लेकर सरकार से तीखे सवाल करेगा।

ऑपरेशन सिंदूर और विदेश नीति पर घेराबंदी:
इस हमले के जवाब में भारत ने पाकिस्तान में ऑपरेशन सिंदूर चलाया था, लेकिन इसकी सफलता, नुकसान और विदेश नीति पर उठ रहे सवालों से सरकार को घेरा जा सकता है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश पहले ही कह चुके हैं कि यह करगिल युद्ध जितना ही गंभीर मामला है और संसद में पूरी बहस होनी चाहिए।

एयर इंडिया विमान हादसा:
12 जून को अहमदाबाद में हुए भीषण विमान हादसे में 260 लोगों की मौत के बाद अब विपक्ष इस हादसे की पारदर्शिता, जांच और जिम्मेदारी को लेकर सरकार से जवाब मांगेगा। जांच रिपोर्ट पर भी सवाल उठाए जा रहे हैं।

बिहार में स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन पर हंगामा तय:
बिहार चुनाव से पहले वोटर लिस्ट में संशोधन का काम विपक्ष की नजर में बड़ा मुद्दा बन गया है। कांग्रेस और समाजवादी पार्टी का आरोप है कि इस प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है और BJP अपने फायदे के लिए मतदाता सूची में हेरफेर करवा रही है।

मणिपुर हिंसा पर फिर गरमाएगा माहौल:
मणिपुर में दो साल से जारी अशांति को लेकर सरकार पहले भी विपक्ष के निशाने पर रही है। अब संसद में मांग उठ सकती है कि राज्य में शांति बहाल की जाए और राष्ट्रपति शासन हटाया जाए। दूसरी ओर, BJP राष्ट्रपति शासन बढ़ाने का प्रस्ताव ला सकती है।

चीन और विदेश नीति पर तीखे सवाल:

चीन के साथ सीमा विवाद एक बार फिर संसद में उछलने वाला है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार चीन के आगे कमजोर रुख अपनाए हुए है। इसके अलावा, ऑपरेशन सिंदूर के बाद अलग-अलग देशों में भेजे गए डेलिगेशन को लेकर भी सवाल उठ सकते हैं कि क्या भारत की विदेश नीति आक्रामक होने की बजाय सिर्फ छवि सुधार पर केंद्रित है।

WBP और INDIA गठबंधन की तैयारी है कि इस सत्र को सरकार के लिए सबसे कठिन सत्र बनाया जाए। वहीं, BJP का दावा है कि वह हर मुद्दे पर खुलकर जवाब देने को तैयार है।