Nitin Nabin: भारतीय जनता पार्टी ने अपनी परंपरागत संगठनात्मक व्यवस्था से हटते हुए एक बड़ा और चौंकाने वाला फैसला लिया है। बीजेपी संसदीय बोर्ड ने बिहार के 45 वर्षीय मंत्री नितिन नवीन को राष्ट्रीय कार्यकारी कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया है। पार्टी के इतिहास में यह पहला मौका है, जब इस तरह का पद सक्रिय रूप से दिया गया है। इस फैसले के बाद पार्टी के अंदरखाने में अटकलें तेज हो गई हैं कि क्या यह मौजूदा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के बाद नेतृत्व परिवर्तन की तैयारी है।
नितिन नवीन वर्तमान में नीतीश कुमार सरकार में लोक निर्माण विभाग का दायित्व संभाल रहे हैं और पटना की शहरी सीट बांकीपुर से चार बार विधायक रह चुके हैं। संगठनात्मक मोर्चे पर उनका अनुभव भी खासा मजबूत माना जाता है। पार्टी के वरिष्ठ नेता ओम माथुर के साथ काम करते हुए उन्होंने 2018 में रमन सिंह की हार के बाद छत्तीसगढ़ में बीजेपी के संगठन को दोबारा खड़ा करने में अहम भूमिका निभाई थी।
पटना में जन्मे नितिन नवीन दिवंगत बीजेपी नेता और तीन बार विधायक रहे नबीन किशोर प्रसाद सिन्हा के पुत्र हैं। पिता के निधन के बाद उन्होंने सक्रिय राजनीति में कदम रखा। उनका राजनीतिक सफर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से शुरू हुआ और वर्षों तक जमीनी स्तर पर संगठन के लिए काम करते हुए वे आगे बढ़े। कायस्थ समुदाय से आने वाले नितिन नवीन को युवा चेहरे के साथ मजबूत संगठनकर्ता के रूप में देखा जाता है।
पार्टी के भीतर इसे एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है। वरिष्ठ नेताओं के अनुसार पार्टी के संविधान में राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का स्पष्ट प्रावधान नहीं है, ऐसे में यह नियुक्ति नितिन नवीन की परीक्षा भी मानी जा रही है और साथ ही संगठन को नए राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए तैयार करने का संकेत भी। माना जा रहा है कि इससे पार्टी को एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता को पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाने की गुंजाइश मिलेगी।
सूत्रों का कहना है कि बीजेपी 2026 के तमिलनाडु विधानसभा चुनावों को ध्यान में रखते हुए दक्षिण भारत से किसी बड़े चेहरे को राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपने पर विचार कर सकती है। केरल में हालिया स्थानीय निकाय चुनावों में मिली सफलता को आगे बढ़ाने और दक्षिण भारत में संगठन को नई गति देने के लिए यह कदम उठाया जा सकता है।
नितिन नवीन की यह अप्रत्याशित पदोन्नति न केवल पार्टी के अंदर सत्ता संतुलन में बदलाव का संकेत देती है, बल्कि आने वाले समय में बीजेपी की राष्ट्रीय रणनीति और नेतृत्व संरचना में बड़े फेरबदल की ओर भी इशारा कर रही है।