नई दिल्ली: कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खारगे (Mallikarjun Kharge) ने नेशनल हेराल्ड मामले में दिल्ली अदालत के हालिया फैसले के बाद केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने नेशनल हेराल्ड मनी लॉन्ड्रिंग केस में प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार कर दिया, जिससे कांग्रेस नेताओं सोनिया गांधी और राहुल गांधी को कानूनी राहत मिली। कांग्रेस ने इस फैसले को न्याय की जीत बताया और कहा कि कार्रवाई राजनीति प्रेरित थी।
खारगे ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि यह कोर्ट का निर्णय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह के लिए सीधा संदेश है। उन्होंने कहा कि मोदी और शाह को इस मामले में उठाए गए कदमों के लिए इस्तीफा दे देना चाहिए क्योंकि उन्होंने जांच एजेंसियों का दुरुपयोग कर कांग्रेस नेताओं को प्रताड़ित करने का प्रयास किया। खारगे ने इसे सत्ता पक्ष की राजनीति के हिस्से के रूप में बताया और आरोप लगाया कि नेशनल हेराल्ड मामले को बदले की राजनीति की तैयारी के तहत आगे बढ़ाया गया।
खारगे का यह बयान संसद सत्र चलने और विधायकों के बीच राजनीतिक तनाव के बीच आया है। उन्होंने कहा कि जो केंद्र सरकार राजनीतिक एजेंसियों का इस्तेमाल कर विपक्ष को निशाना बना रही थी, उसके लिए यह कोर्ट का निर्णय ‘सच्चाई की जीत’ है। कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि पार्टी इसकी सियासी लड़ाई संसद के अंदर और बाहर जारी रखेगी और इसी मुद्दे पर केंद्र सरकार को जवाबदेह ठहराएगी।
दिल्ली कोर्ट के फैसले में कहा गया कि चार्जशीट पर संज्ञान लेने से इनकार इसलिए किया गया क्योंकि मामला एक निजी शिकायत पर आधारित था न कि किसी FIR पर, और इस तरह की मनी लॉन्ड्रिंग शिकायत को सुनने का तरीका सही नहीं माना गया। अदालत ने यह भी कहा कि ईडी अपनी जांच जारी रख सकती है लेकिन फिलहाल चार्जशीट पर आगे की सुनवाई नहीं होगी।
कांग्रेस ने इस फैसले को गांधी परिवार के पक्ष में न्याय मिलने का उदाहरण बताया और दावा किया कि सत्ता पक्ष ने केंद्रीय एजेंसियों का राजनीतिक लाभ के लिए दुरुपयोग किया है। वहीं भाजपा ने आलोचनाओं को खारिज किया और कहा कि अदालत का निर्णय मामले के कानूनी पक्ष पर आधारित है और इसे राजनीतिक रूप से नहीं देखा जाना चाहिए।