बीजेपी को मिला सबसे युवा कार्यकारी अध्यक्ष नितिन नवीन की एंट्री से खुला नया सियासी अध्याय

सूत्रों के मुताबिक नितिन नवीन को फिलहाल कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है और पूर्ण कार्यभार उन्हें आने वाले समय में सौंपा जाएगा।

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  • Publish Date - December 16, 2025 / 12:56 PM IST

नई दिल्ली:  भारतीय जनता पार्टी में लंबे समय से चल रही संगठनात्मक कवायद के बाद आखिरकार नए राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष का ऐलान हो गया। बिहार के पांच बार के विधायक और युवा नेता नितिन नवीन (Nitin Nabin) को पार्टी की कमान सौंपी गई है। दिल्ली स्थित बीजेपी मुख्यालय में अचानक हुई इस घोषणा ने सियासी गलियारों में हलचल बढ़ा दी। पटना से दिल्ली तक उनके स्वागत की तैयारियां दिखीं और पार्टी दफ्तर के बाहर मोदी और शाह के साथ एक नए चेहरे के पोस्टर नजर आए।

सूत्रों के मुताबिक नितिन नवीन को फिलहाल कार्यकारी अध्यक्ष की जिम्मेदारी दी गई है और पूर्ण कार्यभार उन्हें आने वाले समय में सौंपा जाएगा। पार्टी के भीतर यह चर्चा रही कि यह फैसला बेहद गोपनीय तरीके से लिया गया और अधिकांश वरिष्ठ नेताओं को इसकी भनक तक नहीं लगी। बताया जा रहा है कि इस चयन से पहले संघ और शीर्ष नेतृत्व के स्तर पर लंबा मंथन हुआ।

नितिन नवीन की उम्र महज 45 साल है और उन्हें बीजेपी के इतिहास का सबसे कम उम्र का कार्यकारी अध्यक्ष माना जा रहा है। इससे पहले अमित शाह 49 साल की उम्र में पार्टी अध्यक्ष बने थे। बीजेपी ने इस फैसले के जरिए साफ संकेत दिया है कि पार्टी अब भविष्य की नेतृत्व पीढ़ी को आगे बढ़ाने की दिशा में कदम उठा रही है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की उम्र 83 साल होने के संदर्भ में बीजेपी अपने युवा नेतृत्व को एक मजबूत राजनीतिक संदेश के तौर पर पेश कर रही है।

नितिन नवीन का राजनीतिक सफर छात्र राजनीति से शुरू हुआ। वे अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े रहे और बाद में संगठन और सरकार दोनों में जिम्मेदारियां संभालीं। बिहार में वे सड़क निर्माण मंत्री रह चुके हैं और उनके काम को लेकर पार्टी के भीतर सकारात्मक राय रही है। संगठनात्मक अनुभव के साथ प्रशासनिक पकड़ को ही उनकी बड़ी ताकत माना जा रहा है।

सूत्र बताते हैं कि हाल ही में छत्तीसगढ़ दौरे के दौरान अमित शाह ने नितिन नवीन को संकेत दे दिए थे। इसके बाद उन्हें दिल्ली बुलाया गया और संगठन मंत्री बीएल संतोष तथा जेपी नड्डा से मुलाकात कराई गई। माना जा रहा है कि यह नियुक्ति आरएसएस और मोदी शाह के बीच सहमति का नतीजा है, जहां नितिन नवीन सभी के लिए स्वीकार्य नाम बनकर उभरे।

पार्टी के भीतर इस फैसले को पीढ़ीगत बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है। शिवराज सिंह चौहान, धर्मेंद्र प्रधान जैसे दिग्गज नामों की चर्चा के बीच एक युवा चेहरे को आगे लाकर बीजेपी ने स्पष्ट कर दिया है कि वह 2029 तक की राजनीतिक लड़ाई की तैयारी अभी से कर रही है। आने वाले वर्षों में करीब तीन दर्जन राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में विधानसभा और लोकसभा चुनाव होने हैं और नितिन नवीन की अग्निपरीक्षा वहीं होगी।

नितिन नवीन की नियुक्ति जातीय और क्षेत्रीय संतुलन के लिहाज से भी अहम मानी जा रही है। कायस्थ समुदाय से आने वाले नितिन नवीन को लेकर पार्टी का आकलन है कि वे विभिन्न सामाजिक वर्गों के बीच संतुलन बना सकते हैं। खासकर पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में जहां कायस्थ मतदाता प्रभावशाली माने जाते हैं।

अब नितिन नवीन के सामने सबसे बड़ी चुनौती संगठन को एकजुट रखना और चुनावी प्रदर्शन को दोहराना है। जिन नेताओं को वे पहले सम्मानपूर्वक सलाम करते नजर आते थे अब वही नेता संगठनात्मक तौर पर उन्हें रिपोर्ट करेंगे। यह संतुलन साधना उनके लिए आसान नहीं होगा। इसके बावजूद बीजेपी के भीतर यह माना जा रहा है कि नितिन नवीन पार्टी के युवा चेहरे के रूप में नए दौर की शुरुआत का संकेत हैं।