हैदराबाद, 5 जून (आईएएनएस)। तेलंगाना के मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी (Chief Minister A. Revanth Reddy) ने बुधवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि भारत राष्ट्र समिति (BRS) ने लोकसभा चुनाव में अपने वोट भाजपा को ट्रांसफर कर दिए। यही कारण है कि बीजेपी को दक्षिणी राज्य में अपनी सीटों की संख्या दोगुनी करने में मदद मिली।
सीएम ने भाजपा की जीत सुनिश्चित करने के लिए बीआरएस नेतृत्व पर ‘अपनी आत्मा बेचने’ का आरोप लगाया।
उन्होंने आरोप लगाया कि बीआरएस अध्यक्ष के. चंद्रशेखर राव ने अपने परिवार के हितों की रक्षा के लिए बीआरएस विधायकों के स्वाभिमान को भाजपा के पास गिरवी रख दिया।
भाजपा जिन आठ सीटों पर जीती है, उनमें से सात पर बीआरएस की जमानत जब्त हो गई। बीआरएस के गठन के बाद पहली बार पार्टी का संसद में कोई प्रतिनिधित्व नहीं है। नवंबर 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में बीआरएस को 37.5 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन लोकसभा चुनाव में पार्टी का वोट शेयर घटकर 16.5 प्रतिशत रह गया।
सीएम ने यह भी दावा किया कि बीआरएस को 119 विधानसभा क्षेत्रों में से केवल तीन में बहुमत मिला है। बीआरएस के गठन के बाद से सिद्दीपेट क्षेत्र में पार्टी को 30 हजार से 1.5 लाख वोट मिलते थे, लेकिन वहां अब बीआरएस को केवल 2,500 वोट मिले।
रेवंत रेड्डी ने आरोप लगाया कि सिद्दीपेट से बीआरएस विधायक टी. हरीश राव ने अपने वोट भाजपा को ट्रांसफर कर दिए। भाजपा के रघुनंदन राव को वोट ट्रांसफर कर बीआरएस ने कमजोर वर्ग से आने वाले कांग्रेस उम्मीदवार को हराने में मदद की।
यदि हरीश राव आत्मघाती दस्ते बनकर कांग्रेस को नुकसान पहुंचाना चाहते हैं, तो उन्हें पता होना चाहिए कि वह भी गायब हो जाएंगे। तेलंगाना के समाज और सभी लोकतांत्रिक एवं धर्मनिरपेक्ष ताकतों को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि कैसे बीआरएस ने भाजपा को चुनाव जीतने में मदद की। सीएम ने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के प्रदर्शन पर संतोष जताया। पार्टी ने अपनी सीटें तीन से बढ़ाकर आठ कर लीं।
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