शशि थरूर ने झामुमो सांसद सरफराज अहमद की मंदिर में उपस्थिति को बताया सौहार्द की मिसाल

लेकिन इस दौरे में जो क्षण सबके दिलों को छू गया, वह था झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के सांसद सरफराज अहमद की मंदिर में हिंदू और सिख सांसदों के साथ की गई सांझी प्रार्थना।

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  • Publish Date - May 28, 2025 / 10:30 AM IST

पैनामा: पैनामा दौरे पर गए कांग्रेस सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) के नेतृत्व में एक बहु-दलीय सांसद प्रतिनिधिमंडल ने भारतीय सांस्कृतिक केंद्र का दौरा किया और वहां स्थित एक मंदिर में प्रार्थना की। यह यात्रा भारत की ओर से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक मंच पर देश की बात रखने के उद्देश्य से हुई।

लेकिन इस दौरे में जो क्षण सबके दिलों को छू गया, वह था झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के सांसद सरफराज अहमद की मंदिर में हिंदू और सिख सांसदों के साथ की गई सांझी प्रार्थना।

शशि थरूर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘X’ (पूर्व में ट्विटर) पर इस अनुभव को साझा करते हुए लिखा,
“पैनामा सिटी में बहु-दलीय सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भारतीय सांस्कृतिक केंद्र पहुंचा और वहां के खूबसूरत मंदिर में प्रार्थना की। हमारे मुस्लिम सहयोगी सरफराज अहमद को अपने हिंदू और सिख साथियों के साथ मंदिर में प्रार्थना करते देखना बेहद भावुक कर देने वाला क्षण था।”

थरूर ने इस दौरान की तस्वीरें भी साझा कीं, जिनमें सरफराज अहमद मंदिर परिसर में बाकी सांसदों के साथ श्रद्धा भाव से खड़े नजर आए।

सरफराज अहमद ने वहां उपस्थित लोगों से बेहद सरल लेकिन गहरी बात कही:
“जब बुलाने वालों को कोई ऐतराज़ नहीं, तो जाने वालों को क्यों होना चाहिए?”

उनकी यह बात धार्मिक सहिष्णुता, आपसी सम्मान और भारतीय विविधता की भावना को दर्शाती है।

यह क्षण न केवल भारतीय राजनीतिक प्रतिनिधियों के आपसी मेल-जोल का प्रतीक था, बल्कि यह भी दिखाता है कि भारत की संस्कृति विविधताओं में एकता को कैसे सहेजती है — चाहे वह देश के भीतर हो या विश्व मंच पर।

शशि थरूर और अन्य सांसदों के इस दौरे में यह घटना एक सांस्कृतिक सौहार्द और धर्मनिरपेक्ष मूल्यों की सशक्त अभिव्यक्ति बन गई है, जो आज के समय में और भी महत्वपूर्ण हो जाती है।