आने वाला चुनाव मेरी अग्नि परीक्षा है : Arvind Kejriwal

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने रविवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा का आने वाला चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है, यह चुनाव अरविंद

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  • Updated On - September 22, 2024 / 05:09 PM IST

नई दिल्ली, 22 सितंबर (आईएएनएस)। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल(Arvind Kejriwal) ने रविवार को कहा कि दिल्ली विधानसभा(Delhi Assembly) का आने वाला चुनाव कोई मामूली चुनाव नहीं है, यह चुनाव अरविंद केजरीवाल की अग्नि परीक्षा है।

अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली की जनता को संबोधित करते हुए कहा कि यदि आपको लगता है कि अरविंद केजरीवाल ईमानदार है तो हमें वोट देना। यदि आपको लगता है कि केजरीवाल बेईमान है तो मुझे कतई वोट मत देना।

अरविंद केजरीवाल ने अपने ऊपर लग रहे आरोपों पर कहा, “नेताओं को ऐसे आरोपों से कोई फर्क नहीं पड़ता, लेकिन मैं नेता नहीं हूं, मुझे फर्क पड़ता है। मुझे जब ये बीजेपी वाले चोर, भ्रष्टाचारी कहते हैं, मुझे जब ये गाली देते हैं तो मुझे फर्क पड़ता है। आज मैं बहुत दुखी हूं। मेरी आत्मा पीड़ित है। मैं अंदर से बहुत दुखी हूं और इसलिए मैंने इस्तीफा दिया, मैंने अपनी जिंदगी में केवल इज्जत, केवल ईमानदारी कमाई है। मेरे पास कोई पैसा नहीं है। आज मेरे पास दिल्ली में रहने के लिए अपना एक घर तक नहीं है।”

अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारी सरकार के कामों को देखते हुए केंद्र सरकार को लगा कि यदि इनसे जीतना है तो इन्हें बदनाम कर दो। इसके लिए षड्यंत्र रचा गया कि अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया और पूरी आम आदमी पार्टी को बेईमान साबित करो। इसके लिए हमें जेल में डाल दिया गया।

उन्होंने आगे कहा कि मैंने जेल से बाहर आने के बाद इस्तीफा दे दिया। आपके मन में यह चल रहा होगा कि जेल से बाहर आने के बाद मैंने इस्तीफा क्यों दिया। मैंने इस्तीफा इसलिए दिया क्योंकि मैं ये सब करने के लिए नहीं आया था। मैं भ्रष्टाचार करने के लिए नहीं आया था। मुझे सत्ता या सीएम की कुर्सी का लोभ नहीं है। मैं पैसे कमाने नहीं आया। हम देश के लिए आए थे, भारत में माता के लिए आए थे, देश की राजनीति बदलने के लिए आए थे।

अरविंद केजरीवाल ने रविवार को जंतर मंतर पर मंच से बोलते हुए अपना चुनाव चिन्ह ‘झाड़ू’ दिखाया। उन्होंने कहा कि यह झाड़ू केवल आम आदमी पार्टी का चुनाव चिन्ह नहीं है, बल्कि यह झाड़ू आस्था का प्रतीक है। जब एक आदमी वोट डालने जाता है और झाड़ू का बटन दबाता है तब अपनी अपनी आंख बंद करके पहले भगवान का नाम लेता है। झाड़ू का बटन दबाता है तो वह मन में यह सोचता है कि मैं ईमानदारी का बटन दबा रहा हूं। मतदाता चुनाव के समय झाड़ू का बटन दबाते समय यह सोचता है कि मैं एक ईमानदार सरकार बनाने के लिए बटन दबा रहा हूं।