RDA की ‘भर्राशाही’ के खिलाफ भड़के ‘इंद्रप्रस्थ फेस-2’ के वासी! सौंपा 9 सूत्री ज्ञापन..VIDEO

इंद्रप्रस्थ फेस-2 कालोनी (Indraprastha Phase-2 Colony)  की स्थापना एक मॉडल कॉलोनी के रूप में की गई थी। लेकिन वक्त के थपेड़े और अफसरों की......

रायपुर। इंद्रप्रस्थ फेस-2 कालोनी (Indraprastha Phase-2 Colony)  की स्थापना एक मॉडल कॉलोनी के रूप में की गई थी। लेकिन वक्त के थपेड़े और अफसरों की भर्राशाही के चलते इसके सपने तार-तार होते नजर आ रहे हैं। यहां परिसर में एलआईजी के 944 और ईडब्ल्यूएस के 1472 फ्लैट्स बनाए गए हैं। लोग रजिस्ट्री कराकर अब आने लगे हैं। ऐसे में यह रायपुर की सबसे बड़ी कालोनी के रूप में जाना जाएगा। करीब 10 से 15 हजार की आबादी वाली यह कालोनी होगी। लेकिन हैरतवाली बात है कि अभी से यहां अधिकांश ब्लॉक में सीपेज शुरू हो गया है। घटिया निर्माण के चलते लोगों में आक्रोश तो है ही साथ ही अभी तमाम ऐसी मूलभूत सुविधाएं हैं, जिन्हें आरडीए मुहैया नहीं करा पाया है। इतना ही नहीं प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत हितग्राहियों की सब्सिडी भी पूरी नहीं दी गई है। कालोनीवासियों की शिकायत के बावजूद दुव्यर्वस्थाओं को दुरुस्त करने में लापरवाही बरती जा रही है।

नौ सूत्री मांग को लेकर आरडीए अध्यक्ष को सौंपा ज्ञापन

सैकड़ों कॉलोनीवासियों ने मंगलवार को आरडीए कार्यालय का घेराव (Siege of Rda office) कर नारेबाजी की। फिर आडीए अध्यक्ष सुभाष धुप्पड़ को ज्ञापन सौंप समस्याएं गिनाईं। इस दौरान अधिक्षण अभियंता अनील गुप्ता और सहायक अभियंता सुशील शर्मा मौजूद थे। हितग्राहियों ने कहा कि जी ब्लॉक के पीछे दो वर्षों से अधूरे बाउंड्रीवाल न बनने से कॉलोनी में चोरी की घटनाएं बढ़ गई है। लगातार शिकायतों के बाद भी निर्माण पूरा नही हो सका।

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत ईडब्ल्यूएस हितग्राहियों को नियमत: सब्सिडी का 3 लाख रुपए समायोजित करना था, लेकिन सिर्फ 91 हजार समायोजित किया गया है। शेष सब्सिडी के लिए हितग्राही 2 वर्षों से आश्वासन के नाम पर आरडीए कार्यालय का गोल-गोल चक्कर लगा रहे हैं।

उन्होंने कहा कि प्रत्येक ब्लॉक में तीन लिफ्ट है, लेकिन क्वालिटी अच्छी नहीं होने से अधिकतर समय बंद रहता है जिसके कारण हितग्राहियों को आठवीं मंजिल तक पहुंचने परेशानियों का सामना करना पड़ता है। पार्क की स्थिति ऐसी है कि वहां कोई बैठ भी नहीं सकता है। अब दो वर्ष बाद अब बताया जा रहा है कि बरसात में गार्डन को हरा-भरा किया जाएगा। पार्कों में लाइट तक नहीं है।

घटिया निर्माण के चलते फ्लैट के फर्श टूट रहे

कॉलोनीवासियों का कहना है कि यहां फ्लैटों के निर्माण में भारी घटिया काम किया गया है। फर्श पर जो टाईल्स है, उसके नीचे सिर्फ बालू डालकर बिछाया गया है। ऐसे में कुछ ही महीनों में धसक कर टूटने लग रहे हैं। इसके अलावा हैरतवाली बात है कि ईडब्ल्यूएस के फ्लैटो में बने बाॅथरूम के फर्श पर टाइल्स नहीं लगाए गए है। सिर्फ बालू की मात्रा इतनी अधिक है कि वह भी कुछ दिनों में धसक जाते हैं। जब आरडीए के कर्मचारियों से कहा जाता है तो वह कहते हैं, पेजेशन की कार्यवाही के बाद नहीं बना सकते हैं। जो सक्षम हैं, वह लाखों रूपए लगाकर फ्लैट को रखने लायक बना रहे हैं।

ईडब्ल्यूएस के फ्लैटों में एग्जास्ट फैन के लिए जगह नहीं बनाए

ईडब्ल्यूएस के फ्लैटों में एग्जास्ट के फैन के लिए स्थान नहीं छोड़े गए हैं। जब इसकी शिकायत लोगों ने की ब्राउजर में एग्जास्ट फैन के लिए जगह छोड़ना था, जो नहीं छोड़ा गया है। उस पर अधिकारी और कर्मचारी तर्क देते हैं कि खिड़की तो है, उसी लगा लीजिए। ऐसे में बहुतेरे हैं, जिन्होंने खिड़की पर एग्जास्ट लगाए हैं।

इमारतों पर अभी से दरार और सीपेज

यहां इमारतों को बनाने में घटिया निर्माण इस कदर है कि इमारतों में दरारें और बाहर से सीपेज। वह भी इस कदर की पानी बहता ही रहता है।

10 लाख रुपए सफाई ठेका, हो रही मनमानी

साफ-सफाई और कचरा निस्तारण के नाम पर ठेकेदार द्वारा मात्र तीन कर्मचारी रखा गया है। जबकि हमारे ही पैसे से 10 लाख रुपए का एक वर्ष का ठेका हुआ है। जबकि रख-रखाव के नाम पर प्रत्येक हितग्राहियों से एलआईजी से करीब 60 हजार और ईडब्ल्यूएस से 40 हजार रुपए लिया गया है। इस प्रकार करीब 12 करोड़ रुपए लिया गया है। एक ही परिसर में एलआईजी के 944 और ईडब्ल्यूएस के 1472 फ्लैट्स है। भविष्य में करीब 10 हजार से अधिक हितग्राही निवास करने वाले हैं। समस्याएं सुनने के बाद अध्यक्ष द्वारा अतिशीघ्र समस्याएं पूर्ण करने का आश्वासन दिया गया है।

ये लोग शामिल रहे धरना-प्रदर्शन में

इस पौके पर चंद्रशेखर प्रसाद, चंद्राकर जी, सनत, अनिल, राजू सारथी, केपी पांडे, शैलेश, सरजू, माथूर, राजेश, तुल्सी, श्रवण, मिलन, राम साहू, प्रेम मिश्रा, हिना, दीपा, दीपिका, संतोष, बीना, रानी, योगिता, अर्पणा, सबिता और प्रीति आदि सैकड़ों लोग मौजूद थे।

 

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