कांकेर में मोबाइल के लिए पानी की बर्बादी पर तीन अफसरों पर केस

By : hashtagu, Last Updated : June 1, 2023 | 10:13 am

कांकेर, 1 जून | छत्तीसगढ़ के कांकेर (Kanker) जिले में जलाशय (reservoir) में गिरे मोबाइल की तलाशी के लिए लाखों लीटर पानी की बर्बादी के मामले में तीन अफसरों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं, इनके खिलाफ पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई है। पिछले दिनों कांकेर (Kanker) जिले के पखांजूर इलाके में स्थित परलकोट जलाशय (reservoir) मे अपने दोस्तों के साथ पिकनिक मनाने गए खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास का मोबाइल जलाशय (reservoir) के पानी में गिर गया था।

इसकी तलाश के लिए चार दिन तक पंप चला कर लगभग 41 लाख लीटर पानी को बर्बाद कर दिया गया और उसके बाद मोबाइल मिला। इस मामले में पहले खाद्य निरीक्षक राजेश विश्वास और जल संसाधन के एसडीओ आरएल धीवर को निलंबित किया गया था और अब नायब तहसीलदार की शिकायत पर खाद्य निरीक्षक विश्वास, अनुविभागीय अधिकारी धीवर और सब इंजीनियर छोटेलाल ध्रुव के खिलाफ केस दर्ज किया गया है।

ज्ञात हो कि खाद्य निरीक्षक को निलंबित किए जाने के बाद जल संसाधन विभाग के अनुविभागीय अधिकारी धीवर को नोटिस जारी किया गया था, मगर उनकी ओर से जिलाधिकारी प्रियंका शुक्ला को कोई संतोषजनक जवाब नहीं मिला। इसके बाद विशेष सचिव अनुराग पांडे के आदेश पर यह कार्यवाही की गई है।

नायब तहसीलदार की ओर से पखांजूर थाने में दर्ज कराई गई प्राथमिकी में कहा गया है कि तत्कालीन खाद्य निरीक्षक विश्वास ने मोबाइल की तलाश के लिए परलकोट जलाशय के वेस्ट वियर स्पील वे बेसिन में जमा पानी को खाली कराया, यह सब जल संसाधन विभाग के एसडीओ धीवर और सब इंजीनियर ध्रुव की मिलीभगत के चलते हुआ। जो पानी बाहर गया है वह कृषि कार्य और अन्य कार्यों के लिए उपयोगी था। यह पानी गर्मी के मौसम में निस्तारित और पशु पक्षियों के साथ मानव जीवन के उपयोग में आता है।

नायब तहसीलदार की शिकायत पर पखांजूर थाने में तीनों अफसरों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया गया है। पुलिस इस मामले की जांच करेगी।

इससे पहले निलंबित खाद्य निरीक्षक विश्वास को जल संसाधन विभाग के एसडीओ ने वसूली नोटिस जारी किया था, इसमें कहा गया था कि आपके द्वारा निजी स्वार्थ के लिए विभाग की अनुमति के बगैर लगभग 4104 घन मीटर जल का अपव्यय किया गया है। इस पानी की दर 10 रुपये 50 पैसे प्रति घन मीटर है और इस तरह कुल पानी की दर 43092 और विभाग की बिना अनुमति के जल अपव्यय का दंड 10 हजार है। इस तरह 53092 रुपए का अर्थ दंड निर्धारित किया गया।(आईएएनएस)|