सीरीज हार पर गंभीर का बड़ा बयान: ‘मेरे भविष्य का फैसला BCCI करेगा’
By : dineshakula, Last Updated : November 26, 2025 | 5:10 pm
By : dineshakula, Last Updated : November 26, 2025 | 5:10 pm
गुवाहाटी / नई दिल्ली: भारत की घरेलू टेस्ट सीरीज हार के बाद टीम इंडिया के हेड कोच गौतम गंभीर (Gautam Gambhir) ने जिम्मेदारी स्वीकार की है। बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने कहा कि हार की जिम्मेदारी सबसे पहले उन्हीं पर आती है। गंभीर ने कहा कि किसी एक खिलाड़ी या एक शॉट को दोष नहीं दिया जा सकता, जिम्मेदारी सभी की है और शुरुआत कोच से होती है। उन्होंने साफ कहा कि वे कभी भी किसी खिलाड़ी को दोष नहीं देंगे।
जब गंभीर से उनकी आगे की कोचिंग के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, “मेरे भविष्य का फैसला BCCI करेगा। यह मत भूलिए कि मैंने इंग्लैंड में नतीजे दिए और मैं ही चैंपियंस ट्रॉफी जिताने वाला कोच था।”
भारत को बुधवार को गुवाहाटी टेस्ट में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 408 रनों से हार मिली, जो रनों के लिहाज से टीम की सबसे बड़ी टेस्ट हार है। इसी के साथ भारत 13 महीनों में दूसरी बार घर में क्लीन स्वीप हो गया। गंभीर की कोचिंग में 19 में से 10 टेस्ट भारत हारा है। पिछले साल न्यूजीलैंड ने 3-0 और अब दक्षिण अफ्रीका ने 2-0 से क्लीन स्वीप किया।
गंभीर जुलाई 2024 से टीम इंडिया के हेड कोच हैं। टीम में लगातार बदलाव, विशेषज्ञ बल्लेबाजों की जगह ज्यादा ऑलराउंडर्स पर भरोसा और बैटिंग ऑर्डर में उतार-चढ़ाव को लेकर उनकी आलोचना हो रही है।
गंभीर की कोचिंग पर दो दिग्गजों ने उठाए सवाल
पूर्व कोच अनिल कुंबले ने कहा कि टीम में इतने बदलाव टेस्ट क्रिकेट के लिहाज से ठीक नहीं। उन्होंने कहा कि इतने ऑलराउंडर्स और बैटिंग ऑर्डर में लगातार फेरबदल से टीम की स्थिरता खत्म हो रही है। वेंकटेश प्रसाद ने भी ऑलराउंडर्स के जुनून को गलत बताते हुए कहा कि टेस्ट क्रिकेट की अप्रोच निराशाजनक है और भारत लगातार दो घरेलू सीरीज में व्हाइटवॉश झेल चुका है।
गंभीर पर सवाल उठने के चार मुख्य कारण
1. सिर्फ 3 स्पेशलिस्ट बैटर
गंभीर की कोचिंग में टीम रेड और व्हाइट बॉल दोनों फॉर्मेट में ऑलराउंडर्स पर ट्रेड कर रही है। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ दोनों टेस्ट में केवल 3 स्पेशलिस्ट बैटर उतारे गए। पहली पारी में तीन बैटर ने 95 रन बनाए, लेकिन 4 से 7 नंबर के खिलाड़ियों का स्कोर सिर्फ 23 रहा। पंत और जुरेल जैसे खिलाड़ी अनावश्यक शॉट खेलते हुए आउट हुए।
2. बैटिंग ऑर्डर में ज्यादा बदलाव
नंबर-3 की पोजिशन लगातार बदलती रही—कभी वॉशिंगटन सुंदर, कभी साई सुदर्शन, तो कभी करुण नायर। 25 साल तक यह पोजिशन द्रविड़ और पुजारा के हाथों में स्थिर रही थी। नंबर-5 पर भी लगातार बदलाव से टीम में संतुलन नहीं बन पा रहा।
3. स्ट्राइक फिंगर स्पिनर की कमी
अश्विन के रिटायरमेंट के बाद टीम में विकेट लेने वाला फिंगर स्पिनर नहीं बचा। सुंदर और अक्षर जैसे ऑलराउंडर्स अश्विन जैसी स्ट्राइक क्षमता नहीं दिखा पा रहे। घरेलू क्रिकेट में साई किशोर और सौरभ कुमार मौजूद हैं, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया।
4. ऑलराउंडर्स बेअसर साबित
सुंदर, अक्षर, जडेजा और नीतीश रेड्डी पर लगातार भरोसा दिखाया जा रहा है, लेकिन टेस्ट में यह फायदा नहीं दे रहे। जडेजा अकेले संघर्ष कर रहे हैं। नीतीश रेड्डी न गेंद से असर दिखा पाए, न बैटिंग से। उनकी जगह स्पेशलिस्ट बैटर को मौका देने की सलाह दी जा रही है।
गंभीर ने कहा कि टीम सुधार की जरूरत मानती है और आगे बेहतर योजनाओं पर काम किया जाएगा।