विवाद के बीच केंद्र मणु भाकर को खेल रत्न पुरस्कार देने के लिए कर सकता है बड़ा यू-टर्न

रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने मणु का नाम खेल रत्न के लिए नहीं भेजा था, लेकिन अब मंत्रालय से संपर्क किया गया है।

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  • Publish Date - December 24, 2024 / 01:01 PM IST

नई दिल्ली: 30 एथलीटों की सूची से मणु भाकर का नाम गायब होने के बाद से खेल रत्न पुरस्कार (Khel Ratna award) को लेकर एक बड़ा विवाद उठ खड़ा हुआ है। मणु, जिन्होंने इस साल पेरिस ओलंपिक्स में शूटिंग में दो कांस्य पदक जीतकर भारत का नाम रोशन किया था, उनका नाम इस सूची में न होना कई सवालों को जन्म दे रहा है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, मणु ने समय पर अपनी नामांकन आवेदन सबमिट किया था, फिर भी उन्हें नजरअंदाज किया गया। मणु के पिता ने इस मामले में खेल मंत्रालय और संबंधित अधिकारियों पर कड़ी आलोचना की और इसे “अक्षम्य गलती” बताया। मणु खुद भी इस बारे में दुखी हैं और उन्होंने पेरिस ओलंपिक्स में अपनी पूरी मेहनत के बावजूद इस सूची में शामिल नहीं होने पर निराशा व्यक्त की है।

रिपोर्ट्स के अनुसार, नेशनल राइफल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (NRAI) ने मणु का नाम खेल रत्न के लिए नहीं भेजा था, लेकिन अब मंत्रालय से संपर्क किया गया है। हालांकि, यह भी सामने आया है कि मणु ने खुद ही नामांकन के लिए आवेदन किया था, जो नियमों के अनुसार वैध है।

मंत्रालय का यू-टर्न संभव

विवाद को देखते हुए, खेल मंत्रालय अब अपने अधिकारों का उपयोग करते हुए मणु भाकर का नाम खेल रत्न पुरस्कार के लिए नामित कर सकता है। टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, मंत्रालय ‘महान भारतीय खेल रत्न पुरस्कार योजना’ के तहत अनुच्छेद 5.1 और 5.2 का हवाला देकर मणु का नाम नामांकित करने पर विचार कर सकता है, जो यह कहता है कि “खेलकूद के लिए पात्र खिलाड़ी बिना अधिकारियों/व्यक्तियों की सिफारिश के भी स्व-आवेदन कर सकते हैं। इसके बावजूद, सरकार deserving मामलों में दो नामांकनों का अधिकार सुरक्षित रखती है।”

खेल मंत्री मांसुख मंडाविया बुधवार को खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कारों के नामों को अंतिम रूप देंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, उन्हें मणु के नाम की अनुपस्थिति को लेकर पूरी जानकारी है और वह इस विवाद को सुलझाने में पूरी तरह से शामिल हैं।

खेल रत्न पुरस्कार से मणु का नाम क्यों गायब?

मणु की अनदेखी पर सवाल उठ रहे हैं, खासकर उस संदर्भ में जब 2021 ओलंपिक के बाद उन सभी पदक विजेताओं को खेल रत्न पुरस्कार दिया गया था, जिन्होंने पहले यह सम्मान नहीं प्राप्त किया था। यह नियम मणु के मामले में लागू नहीं हुआ, जबकि वह ओलंपिक के एक ही संस्करण में दो पदक जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी हैं।

मणु के पिता ने तो यहां तक कहा कि इस मामले में कोई साजिश भी हो सकती है, जिससे विवाद और बढ़ गया है।

आगे क्या होगा?

खेल मंत्री मांसुख मंडाविया बुधवार को खेल रत्न, अर्जुन, द्रोणाचार्य और ध्यानचंद पुरस्कारों के लिए अंतिम सूची की घोषणा करेंगे। रिपोर्ट्स के अनुसार, वह मणु भाकर के नाम की अनुपस्थिति को लेकर पूरी तरह अवगत हैं और इस मामले में अंतिम निर्णय से पहले सभी पहलुओं पर विचार करेंगे।

अब देखना यह है कि मंत्रालय इस विवाद का समाधान कैसे करता है और क्या मणु भाकर का नाम खेल रत्न पुरस्कार की सूची में शामिल किया जाएगा या नहीं।