भारत ने अपनी पहली पारी 448 रन पर घोषित की, जिससे वे 286 रन की बढ़त पर पहुंचे। इस पिच पर स्पिनर चलते नजर आए और भारत की बल्लेबाज़ी ने विरोधी टीम को दबाव में रखा। केएल राहुल ने शानदार शतक जड़ा, ध्रुव जुरेल ने अपना पहला टेस्ट शतक लगाया और रविंद्र जडेजा ने नाबाद 104 रन बनाये। जडेजा ने साथ ही गेंदबाज़ी में 4 विकेट लिए।
वेस्ट इंडीज की गेंदबाज़ी चुनिंदा रूप से कमजोर साबित हुई क्योंकि उनके दो मुख्य तेज गेंदबाज—शमर जोसफ और अलजार्री जोसफ—चोट के कारण उपलब्ध नहीं थे। इस कमी ने उनकी टीम को बुरी तरह प्रभावित किया।
भारत ने पहले दिन वेस्ट इंडीज को 162 पर ऑल आउट किया। दूसरे दिन टीम ने बल्लेबाज़ी को पोषण दी और बल्लेबाज़ों ने पिच के अनुसार खेल दिखाया। जडेजा ने आक्रामक रवैया अपनाया, स्पिनर्स की सहायता ली और विपक्षी गेंदबाज़ी को खुलकर छेड़ा।
तीसरे दिन वेस्ट इंडीज की दूसरी पारी भी बुरी तरह से नाकाम रही और वे फिर चौथे दिन तक नहीं टिक सके। इस तरह भारत ने पहले टेस्ट में बेहतरीन कंट्रोल बनाए रखा और श्रृंखला में 1-0 की बढ़त हासिल की।
भारत का संयम, मजबूत बल्लेबाज़ी और स्पिनरों की साझेदारी इस जीत की बड़ी वजह रही। गेंदबाज़ी के साथ बल्लेबाज़ी ने इस मैच को एकतरफा बना दिया।
