विनेश फोगाट का आरोप- ‘सात महिला पहलवानों’ और उनके परिवारों को धमकियां मिल रही हैं

ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट (Olympian wrestler Vinesh Phogat) ने मंगलवार को आरोप लगाया

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  • Updated On - April 25, 2023 / 11:46 PM IST

नई दिल्ली, 25 अप्रैल (आईएएनएस)| ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट (Olympian wrestler Vinesh Phogat) ने मंगलवार को आरोप लगाया कि भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के कुछ अधिकारी महिला पहलवानों को धमका रहे हैं और उन्हें डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न (sexual harassment) की अपनी शिकायत वापस लेने के लिए मजबूर कर रहे हैं।

उन्होंने कहा कि सात महिला पहलवानों की एकता को तोड़ने की कोशिश की जा रही है। विनेश ने आईएएनएस से कहा, उनके (शिकायतकर्ताओं) परिवार के सदस्यों को अब धमकियां मिल रही हैं। उनकी जान को खतरा है। पुलिस को प्राथमिकी दर्ज करनी चाहिए और निर्दोष लोगों की मदद करनी चाहिए। अगर इन शिकायतकर्ताओं को कुछ होता है, तो इसके लिए दिल्ली पुलिस और सरकार जिम्मेदार होगी।

रविवार को बजरंग पुनिया, विनेश और साक्षी मलिक सहित देश के शीर्ष पहलवान जंतर-मंतर पर प्रदर्शन स्थल पर फिर से बैठ गए और डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की। वह यह भी मांग कर रहे हैं कि सरकार को निरीक्षण समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट के निष्कर्षों को सार्वजनिक करना चाहिए, जिसने बृज भूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच की थी।

विनेश ने तीन महीने पहले बृजभूषण के विरोध के बावजूद खेल मंत्रालय द्वारा कार्रवाई करने में विफल रहने पर निराशा व्यक्त की। विश्व चैम्पियनशिप की पदक विजेता ने जोर देकर कहा, समिति द्वारा प्रस्तुत रिपोर्ट पर कार्रवाई करने में सरकार को कितना समय लगने वाला है? हम अभी भी उनसे सुनने का इंतजार कर रहे हैं।

उन्होंने कहा, इस बार हम यहां तब तक बैठे रहेंगे, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं हो जातीं और बृजभूषण सिंह को गिरफ्तार नहीं कर लिया जाता। हम रुकने वाले नहीं हैं। हमें हर जगह से समर्थन मिल रहा है। और हम उन सभी को धन्यवाद देना चाहते हैं जो यहां मौजूद हैं और लोगों से आग्रह करते हैं कि भारत में एथलीटों के बेहतर भविष्य के लिए आएं और हमारा समर्थन करें। यह सभी महिला एथलीटों की लड़ाई है और उन्हें आगे आकर अपने विचार साझा करने चाहिए।

सरकार ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ लगाए गए यौन उत्पीड़न और डराने-धमकाने के आरोपों की जांच के लिए 23 जनवरी को छह सदस्यीय पैनल का गठन किया था। पैनल ने 5 अप्रैल को अपनी रिपोर्ट सौंपी लेकिन सरकार ने यह कहते हुए अपने निष्कर्षों को सार्वजनिक नहीं किया कि यह अभी भी जांच के अधीन है।