“कोहली-रोहित ने रिटायरमेंट लिया ही कब?” – फेयरवेल सीरीज़ की मांग पर BCCI का सख्त जवाब

इसी बीच एक पॉडकास्ट में जब BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला से पूछा गया कि क्या विराट और रोहित को सचिन तेंदुलकर की तरह फेयरवेल सीरीज़ मिलनी चाहिए, तो उन्होंने बेहद स्पष्ट और तीखे अंदाज़ में जवाब दिया।

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  • Publish Date - August 23, 2025 / 11:46 AM IST

मुंबई: विराट कोहली (Virat Kohli) और रोहित शर्मा की क्रिकेट से गैरमौजूदगी को लेकर चर्चाएं लगातार तेज होती जा रही हैं। दोनों खिलाड़ी अब केवल वनडे क्रिकेट में सक्रिय हैं, जबकि उन्होंने टी20 और टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया है। हालांकि, अब भारत का अगला वनडे मुकाबला चैम्पियंस ट्रॉफी (फरवरी) के बाद ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ अक्टूबर में होगा। ऐसे में फैंस को जल्द ही इन दोनों दिग्गजों को एक्शन में देखने का मौका नहीं मिलेगा।

इसी बीच एक पॉडकास्ट में जब BCCI उपाध्यक्ष राजीव शुक्ला से पूछा गया कि क्या विराट और रोहित को सचिन तेंदुलकर की तरह फेयरवेल सीरीज़ मिलनी चाहिए, तो उन्होंने बेहद स्पष्ट और तीखे अंदाज़ में जवाब दिया।

राजीव शुक्ला बोले –
“वो रिटायर कहां हुए हैं? विराट कोहली और रोहित शर्मा दोनों वनडे खेल रहे हैं। जब वो खेल ही रहे हैं, तो फेयरवेल सीरीज़ की चिंता क्यों?”
उन्होंने यह भी कहा कि BCCI किसी खिलाड़ी को रिटायर होने के लिए नहीं कहता, ये फैसला पूरी तरह खिलाड़ी का होता है।
“विराट कोहली फिट हैं, रोहित शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। जब तक वे खुद न कहें, हम कुछ तय नहीं करते,” उन्होंने कहा।

इस बीच कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में यह भी कहा गया कि विराट और रोहित को अपनी फॉर्म साबित करने के लिए विजय हज़ारे ट्रॉफी खेलनी चाहिए। लेकिन पूर्व भारतीय ओपनर आकाश चोपड़ा ने इन अटकलों को “बोगस टॉक” करार दिया।

उन्होंने कहा –
“विजय हज़ारे ट्रॉफी नवंबर-दिसंबर में है। जब अगला वनडे जनवरी 2026 में है, तो बीच में टूर्नामेंट खेलने का क्या मतलब? अब से IPL तक भारत के पास केवल 9 वनडे हैं — 3 ऑस्ट्रेलिया से, 3 साउथ अफ्रीका से और 3 न्यूज़ीलैंड से।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि इतने लंबे अंतराल के बाद खिलाड़ी लय में नहीं रह पाते, और अगर वे टेस्ट खेलते रहते, तो स्थिति बेहतर होती।

आखिरकार, मुद्दा यही है कि विराट और रोहित अभी रिटायर नहीं हुए हैं और जब तक वे खुद इस पर अंतिम फैसला नहीं लेते, तब तक फेयरवेल या चयन को लेकर किसी भी तरह की अटकलें बेबुनियाद हैं।