अदाणी पोर्ट्स और एसईजेड की नजर फिलीपींस में महत्वपूर्ण विस्तार पर

फिलीपींस सरकार ने कहा है कि अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) फिलीपींस में महत्वपूर्ण निवेश करने की योजना बना रही है

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  • Updated On - May 5, 2024 / 12:49 PM IST

नई दिल्ली, मई (आईएएनएस)। फिलीपींस सरकार (Philippines government) ने कहा है कि अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन (APSEZ) फिलीपींस में महत्वपूर्ण निवेश करने की योजना बना रही है और बातान में अपनी बंदरगाह विकास योजना शुरू करने पर विचार कर रही है।

बातान फिलीपींस द्वीप लुजोन में एक प्रांत है।

फिलीपींस के राष्ट्रपति कार्यालय के एक बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति फर्डिनेंड आर मार्कोस जूनियर प्रशासन के तहत एपीएसईजेड “विनियमन और कारोबारी माहौल में स्थिरता” के कारण निवेश करने की योजना बना रहा है।

एपीएसईज़ेड के प्रबंध निदेशक करण अदाणी ने फिलीपींस के मलकानांग पैलेस में एक बैठक के दौरान राष्ट्रपति मार्कोस से कहा, “महामहिम, एक निजी क्षेत्र के रूप में हम हमेशा स्थिरता की तलाश करते हैं। विनियमन में स्थिरता, उस वातावरण में स्थिरता, जिसमें हम काम कर रहे हैं। जैसा कि आपने कहा, आप यही प्रदान कर रहे हैं।”

करण अदाणी ने कहा कि एपीएसईजेड अपनी बंदरगाह विकास योजना के लिए बातान पर विचार कर रहा है और यह कंपनी के लिए एक अच्छा अवसर हो सकता है।

कंपनी की योजना 25 मीटर गहरा बंदरगाह विकसित करने की है, जिसमें पैनामैक्स जहाजों को रखा जा सके।

आधिकारिक बयान में कहा गया, “दूसरी ओर, अदाणी समूह बंदरगाहों, हवाई अड्डों, बिजली और रक्षा में निवेश करने की योजना बना रहा है।”

राष्ट्रपति मार्कोस ने फिलीपींस में एपीएसईजेड की विस्तार योजनाओं का स्वागत करते हुए कहा कि यह “फिलीपींस को अंततः विश्‍व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाने के लिए कृषि उत्पादों को संभालने वाले बंदरगाहों” पर ध्यान केंद्रित कर सकता है।

एपीएसईजेड के पश्चिमी तट पर सात बंदरगाह और टर्मिनल हैं और दक्षिण-पूर्व एशियाई देश के पूर्वी तट पर आठ बंदरगाह हैं।

इस बीच एपीएसईजेड ने वित्त वर्ष 24 के लिए शुद्ध लाभ में 50 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की है, जो 8,104 करोड़ रुपये है, जो 420 एमएमटी (मिलियन मीट्रिक टन) की रिकॉर्ड मात्रा तक पहुंच गया है, जो कि 24 फीसदी का इजाफा (साल-दर-साल) है।

कंपनी के अनुसार, वित्त वर्ष 24 के लिए राजस्व 28 फीसदी (साल-दर-साल) बढ़कर 26,711 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया।