नई दिल्ली, 28 मई (आईएएनएस)। आज की दुनिया में डिजिटलीकरण सभी उद्योगों के लिए एक गलोबल ट्रेंड के रूप में उभरा है जो उद्योगों के सभी पहलुओं के संचालन को प्रभावित कर रहा है। तेल और गैस उद्योग एक ऐसा सेक्टर है जहां संसाधनों और उच्च तकनीक की काफी जरूरत पड़ती है। सैकड़ों हजारों प्रोडक्शन यूनिट का संचालन होता है, जिनमें से प्रत्येक में रोजाना बड़ी मात्रा में तकनीकी जानकारी पैदा होती है।
डेटा की इस विशाल श्रृंखला को लगातार संसाधित करने की जरूरत होती है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के बिना यह संभव नहीं हो पाएगा। रूसी तेल कंपनी रोसनेफ्ट (Russian oil company Rosneft) अपनी आर्थिक दक्षता और पर्यावरणीय स्थिरता में निरंतर सुधार करता रहता है। तेल और गैस की खोज (Oil and gas exploration) और उत्पादन से परिवहन और शोधन तक अपने परिचालन के सभी पहलुओं में यह सूचना प्रौद्योगिकी को हर स्तर पर समाहित करता है।
इसमें भूवैज्ञानिक और हाइड्रोडायनामिक फील्ड मॉडल के निर्माण, डेटा विश्लेषण के लिए नेटवर्क का उपयोग और कुशल फील्ड मैनेजमेंट के लिए व्यापक डिजिटल आधारित मॉडल डिजाइन करने जैसे नवाचार शामिल हैं।
रोसनेफ्ट की डिजिटल फील्ड परियोजना इन नवाचारों को एक एकीकृत पारिस्थितिकी तंत्र में समाहित करती है।
यह प्रोजेक्ट रोसनेफ्ट की सहायक कंपनी और रूस की सबसे लंबे समय तक चलने वाली तेल और गैस क्षेत्र की बड़ी कंपनियों में से एक बाशनेफ्ट द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। इसका मुख्यालय बश्कोर्तोस्तान गणराज्य में है। इस प्रोजेक्ट में एक वर्चुअल फील्ड बनाना शामिल है जो ऑयल फील्ड जैसा ही डिजिटली तैयार किया जाता है।
विशेषज्ञ तब डिजिटल फील्ड का उपयोग कर असली फील्ड के बारे में सभी प्रकार की जानकारी इकट्ठा करते हैं, जिसमें इसकी संरचना, रॉक के प्रकार, चट्टानों के भौतिक और रासायनिक गुण, तेल या गैस का स्थान जैसी जानकारी शामिल है। यह जानकारी फिर संसाधित की जाती है और वर्चुअल मॉडल बनाने के लिए उपयोग की जाती है।
इसी डिजिटल फील्ड की वजह से विकास और संचालन के लिए विभिन्न पहलुओं के रियल टाइम सिमुलेशन का पता चलता है जिससे सबसे कुशल उत्पादन विधियों का चयन करना, संभावित मुद्दों का अनुमान लगाना और उन्हें पहले से अच्छी तरह से संबोधित करने के तरीकों पर निर्णय लेना संभव हो पाता है।
बाशनेफ्ट के आईटी विभाग के डिप्टी डायरेक्टर जनरल दिमित्री लोज़ांस्की के अनुसार, कंपनी, इस तरह अपनी उत्पादन प्रक्रियाओं अपने हिसाब से अनुकूल बना सकती है, अपने जोखिम और लागत को कम कर सकती है, और पर्यावरण को भी बचा सकती है।
लोज़ांस्की ने कहा, ये डिजिटलीकरण तेल और गैस उद्योग को पर्यावरण और लोगों के लिए अधिक कुशल और सुरक्षित बनाने में मदद करता है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि अत्याधुनिक सूचना प्रौद्योगिकियों की तैनाती से उत्पादन और पर्याप्त आर्थिक प्रभाव पैदा करना संभव हो जाएगा।
डिजिटल फील्ड प्रोजेक्ट इतना अनूठा है कि यह बश्कोर्तोस्तान के वॉयल एंड गैस फील्ड के विकास और संचालन में 90 वर्षों के व्यावहारिक अनुभव से प्राप्त की गई जानकारी के आधार पर विकसित किया गया है। बाशनेफ्ट का डिजिटल टेस्टबेड इस ज्ञान और अनुभव को रूसी तेल और गैस क्षेत्र के बाकी हिस्सों के लिए उपलब्ध कराता है।
रोसनेफ्ट का सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट प्रयास इसकी सूचना प्रणाली है जिसे जियोबैंक-सिस्मोराज़वेदका (भूकंपीय अन्वेषण) कॉरपोरेट डेटा बैंक के रूप में जाना जाता है।
रोसनेफ्ट की 40 से अधिक सहायक कंपनियां और इसके सभी कॉर्पोरेट अनुसंधान संगठन इस सिस्टम से जुड़े हुए हैं, इसकी जानकारी ऑनलाइन भी उपलब्ध है। यह उत्पाद बहुमूल्य जानकारी को सुरक्षित रखता है और देश में कहीं से भी डिजिटल डेटाबेस तक निर्बाध पहुंच प्रदान करता है।
भूकंपीय डेटा के प्रसंस्करण और व्याख्या में एआई एल्गोरिदम को शामिल कर उन विशेषज्ञों के अनुभव को “डिजिटलाइज” करना संभव हो गया है जिन्होंने कार्यप्रणाली के सैद्धांतिक आधार को दूर करने में दशकों का समय निवेश किया है।
इसके अलावा, रोसनेफ्ट डिजिटल कोर विश्लेषण के लिए अपने मुख्य सॉफ्टवेयर का उपयोग करता है। एक कोर एक रॉक का नमूना है जो कुएं से निकाला जाता है। पत्थर की संरचना और इसके भूवैज्ञानिक गुणों को बेहतर ढंग से समझने के लिए इसका अध्ययन किया जाता है — जैसे कि हाइड्रोकार्बन की उपस्थिति क्या है।
टूमेन ऑयल रिसर्च सेंटर रोसनेफ्ट के अनुसंधान और डिजाइन शाखा का भी एक हिस्सा है। यह आरएन – डिजिटल कोर के रूप में जाना जाने वाला सॉफ्टवेयर सूट बनाने के लिए एक गैर-सरकारी विकास संस्थान है जो इनोप्रैक्टिका के साथ मिलकर काम करता है। यह पानी में तेल और गैस का सटीक मूल्यांकन कर आगे की कार्रवाई का रास्ता तैयार करता है।
टूमेन में रोसनेफ्ट की मुख्य भंडारण सुविधा में रूस के तेल और गैस क्षेत्रों से कई हजार कुओं से निकाले गए 175 किलोमीटर से अधिक के रॉक नमूने हैं और इसे देश में सबसे बड़ा माना जाता है।
सॉफ्टवेयर गणितीय मॉडलिंग और माइक्रो-टोमोग्राफी विधियों पर निर्भर है ताकि रॉक फॉर्मेशन का एक डिजिटल ट्विन फील्ड बनाया जा सके।
सूट का उपयोग रॉक का अध्ययन करने के लिए किया जाता है, जबकि आरएन – डिजिटल कोर का आगामी संस्करण अपरंपरागत कम-छिद्र वाले रॉक की जांच पर ध्यान केंद्रित करेगा।
रोसनेफ्ट का तकनीकी नवाचार एक प्रमुख डिजिटल प्रौद्योगिकी है जो पहले आयात किया जाता था।
दिमित्री लोज़ांस्की ने बताया कि रोसनेफ्ट की प्रगति और अन्य आईटी परियोजनाओं को लागू करने में रूस की तकनीकी संप्रभुता सुनिश्चित करने, नवाचार को बढ़ावा देने, उत्पादन क्षमता बढ़ाने और वैश्विक स्तर पर देश के तेल और गैस क्षेत्र की स्थिति को मजबूत करने में फील्ड डिजिटलीकरण महत्वपूर्ण योगदान प्रदान करता है।