विधानसभा सत्र: पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त को दी गई श्रद्धांजलि, पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र बहादुर के निधन पर शोक

वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में बीजेपी विधायक दल की बैठक भी हुई। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सरकार पूरी तरह से तैयार है और कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं।

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  • Updated On - July 14, 2025 / 03:30 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा (Vidhan Sabha) का मानसून सत्र आज से शुरू हो गया। सत्र की शुरुआत में छत्तीसगढ़ के पूर्व राज्यपाल शेखर दत्त के निधन पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। साथ ही सक्ती रियासत के राजा और पूर्व कैबिनेट मंत्री सुरेंद्र बहादुर सिंह के निधन पर भी शोक व्यक्त किया गया। दोनों दिवंगत नेताओं को श्रद्धांजलि देने के बाद सदन की कार्यवाही 10 मिनट के लिए स्थगित कर दी गई।

सदन की कार्यवाही से पहले कार्य मंत्रणा समिति की बैठक हुई, जिसमें मुख्यमंत्री साय, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत, डिप्टी सीएम अरुण साव, संसदीय कार्य मंत्री केदार कश्यप, वित्त मंत्री ओपी चौधरी, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, विधायक अजय चंद्राकर समेत अन्य सदस्य मौजूद रहे। इस बैठक के बाद डॉ. महंत ने रविवार को कांग्रेस विधायकों की राजीव भवन में बैठक बुलाई। महंत ने कहा कि सत्र बहुत कम समय के लिए बुलाया गया है, लेकिन पहले ही दिन खाद और बीज की कमी को लेकर स्थगन प्रस्ताव लाए जाएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि बैठक में साय सरकार को घेरने की रणनीति बनाई गई है और विधायक पूरी ताकत और आक्रामकता के साथ सत्र में भाग लेंगे।

वहीं मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की उपस्थिति में बीजेपी विधायक दल की बैठक भी हुई। इस दौरान संसदीय कार्यमंत्री केदार कश्यप ने कहा कि सरकार पूरी तरह से तैयार है और कांग्रेस के पास मुद्दे नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार कांग्रेसियों की तरह भागने वाली नहीं है और शराब घोटाले की राशि और बढ़ गई है।

केदार कश्यप ने यह भी कहा कि कई घोटाले हैं जो कांग्रेस के कारनामों को उजागर करते हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ की जनता से कहा कि कांग्रेस को अब कोई रास्ता नहीं बचा है, चाहे तो चश्मा लगा लें या लाठी लेकर चलें, जनता ने उन्हें चलने लायक नहीं छोड़ा है।

बैठक के दौरान डॉ. महंत ने कहा कि राज्य में अलग-अलग वर्गों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों के मुद्दे भी विधानसभा में जोर-शोर से उठाए जाएंगे। इनमें रेत के अवैध खनन के दौरान गोली चलने की घटनाएं, कानून-व्यवस्था की स्थिति, स्कूलों का युक्तियुक्तकरण, शराब दुकानों का खोलना, और बिजली की दरों में बढ़ोतरी जैसे मुद्दे शामिल हैं। उन्होंने कहा कि विधायक दल पूरी ताकत के साथ विधानसभा में शामिल होने के लिए तैयार है।

डॉ. महंत ने यह भी बताया कि बैठक में कुछ विधायक शामिल नहीं हो सके क्योंकि कुछ विधायक राहुल गांधी की अगुवाई में आदिवासी विधायकों की बैठक में शामिल होने गए थे, कुछ के निजी कार्यक्रम थे, और एक विधायक जेल में हैं, इसलिए वे उपस्थित नहीं हो सके।