धार में केला किसानों की तबाही: मजबूरी में उखाड़कर फेंकनी पड़ी पूरी फसल

धरमपुरी के किसान सत्यम दरबार ने बताया कि उन्होंने 17 बीघा जमीन पर केले की फसल लगाई थी, जिस पर लाखों रुपये की लागत आई।

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  • Publish Date - November 25, 2025 / 02:23 PM IST

धार: मध्य प्रदेश के धार जिले में केला किसानों (banana farmers) की हालत बद से बदतर हो चुकी है। बाजार में मिल रही बेहद कम कीमतों के कारण किसान अपने ही हाथों से खेतों में खड़ी तैयार फसल को उखाड़कर फेंकने को मजबूर हैं। धरमपुरी क्षेत्र के ग्राम हतनावर से सामने आई तस्वीरें किसानों की निराशा, दर्द और टूटे हौसलों की साफ गवाही देती हैं। महीनों की मेहनत, लगाई गई पूंजी और उम्मीदों से तैयार की गई फसल आज खेतों में बर्बाद पड़ी है।

धरमपुरी के किसान सत्यम दरबार ने बताया कि उन्होंने 17 बीघा जमीन पर केले की फसल लगाई थी, जिस पर लाखों रुपये की लागत आई। लेकिन बाजार में मिल रही कीमत लागत तक पूरी नहीं कर पा रही थी। व्यापारी खरीदने तक नहीं आ रहे थे। जो भाव मिल रहा था, वह किसान के लिए अपमान जैसा महसूस हो रहा था।

किसान यशपाल सोलंकी की पीड़ा भी कम नहीं। उन्होंने 15 से 16 हजार केले के पौधे लगाए थे, लेकिन उचित दाम न मिलने की वजह से मजबूरी में करीब 5,000 पौधों को खुद अपने हाथों से उखाड़कर फेंकना पड़ा। उनकी पूरी फसल तैयार थी, लेकिन खरीदने कोई नहीं आया। मेहनत और पैसा—दोनों बर्बाद हो गए।

किसानों की आंखों में छलकते आंसू बताते हैं कि यह नुकसान सिर्फ आर्थिक नहीं, मानसिक भी है। जिन पौधों को उन्होंने बच्चों की तरह पाला था, उन्हें खुद नष्ट करना सबसे बड़ा दर्द बन गया है। गांव में हर तरफ निराशा का माहौल है। खेत खाली हो रहे हैं, और किसानों के मन और जेब दोनों खाली पड़ चुके हैं।

किसानों ने सरकार से मांग की है कि नुकसान का आकलन कर जल्द मुआवजा दिया जाए, ताकि वे इस भारी आर्थिक संकट से बाहर निकल सकें और अगली फसल की तैयारी कर सकें।