‘स्मृति ईरानी’ के अरोप पर ‘भूपेश’ ने दिया करारा जबाव! जब PM झूठ बोलकर गए तो वो झूठ बोलीं तो नई बात क्या है?

आज संसद में स्मृति ईरानी (Smriti Irani in Parliament) ने अडानी के मुद्दे पर सवाल का जबाव देते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार पर अडानी को लेकर ...

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  • Updated On - August 9, 2023 / 11:04 PM IST

रायपुर। आज संसद में स्मृति ईरानी (Smriti Irani in Parliament) ने अडानी के मुद्दे पर सवाल का जबाव देते हुए छत्तीसगढ़ कांग्रेस सरकार पर अडानी को लेकर आरोप मढ़े। कहा, छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी ने अडानी को काम आदिवासियों ने मना किया फिर भी क्यों दिया। उनके इस बयान के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) ने पलटवार करते हुए कहा, कहां जमीन दिए हैं हम लोग। वो असल में क्या है उसको फोबिया हो गया है, गांधी परिवार का। भूपेश ने स्मृति ईरानी के बयान पर सवाल किया।

कोयला खदान आवंटन किसको किया। राजस्थान ने, किसने किया भारत सरकार ने किया। क्या राज्य सरकार ने किया। कहा, महाराष्ट्र गर्वमेंट को है, महाराष्ट्र गर्वमेंट को है, मध्यप्रदेश को है। गुजरात को था। सारे राज्य को आवंटित करने का काम तो भारत सरकार करती है। तो इसमें मिथ्या आरोप, मतलब कुछ भी आरोप लगाएंगी, बिना जाने समझे। और हम लोगों ने कोई जमीन नहीं दी। जितनी भी मेजर मिरनल है। वह भारत सरकार के अधीन है। कहा, पहले तो सलाह भी ली जाती थी। अब जो नया एमएमआर एक्ट आया है। उसके बाद भारत सरकार को सलाह भी लेने की जरुरत नहीं है।

बीजेपी पर पलटवार करते हुए भूपेश बघेल ने कहा, हम लोगों ने जो लेमरू 4 सौ वर्गकिलोमीटर था। भारत सरकार से अनुमति मिली थी उसे भी पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार ने नोटिफाइड नहीं किया था। हम लोगों ने 1995 वर्ग किलोमीटर को न केवल उसका क्षेत्रफल बढ़ाया, बल्कि उसको नोटिफाइड भी किए हैं। भारत सरकार फिर भी वहां खदान के लिए लिस्टिंग किया था, उसका हमलोगाें ने विरोध किया। अभी हमलोगों ने सुप्रीमकोर्ट में भी एफिडेविट दिया है कि लेमरू के अंदर जो खदानें आ रहे हैं,उसको आवंटित न की जाए। वह बायोडायोसिटी के लिए उपयुक्त नहीं है। ये बात हमलोगों ने कहा, ये लिखित में है, एफिडेविट कोर्ट में दिया गया है। उसके बाद स्मृति ईरानी झूठ बोल रही हैं तो करेंगे,जैसे प्रधानमंत्री जी बोले 80 परसेंट धान खरीदी हम करते हैं। अरे भैया राज्य सरकार करती है। कहा, 22 हजार करोड़ रुपया हमलोगों ने दिया है। और उसके बाद चावल हमशे खरीदती है। जब चावल नहीं खरीदी की तो धान का हम नीलामी किए थे। घाटा तो हम सहते हैं। प्रधानमंत्री जी यहां झूठ बोलकर गए। वैसे ही रक्षामंत्री, गृहमंत्री, अब स्मृति ईरानी झूठ बोलीं, तो नई बात क्या है।

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