रायपुर। (Chhattisgarh Bangladeshi-Rohingya infiltrators) छत्तीसगढ़ में अवैध रूप से निवासरत बांग्लादेशी और रोहिंगियाओं की तलाशी के लिए प्रदेश में वृहद स्तर पर स्पेशल टास्क फ़ोर्स का गठन किया गया है. घुसपैठियों की तलाश करने के लिए प्रदेश के सभी 33 जिलों में एसटीएफ का गठन (STF formed in 33 districts) कर एडिशनल एसपी और डीएसपी रैंक के अधिकारियों को प्रभारी बनाया गया है।
एसटीएफ की सबसे बड़ी टीम राजनांदगाव जिले के लिए बनाई गई है. यहां एएसपी राहुल देव शर्मा को प्रभारी बनाया गया है. शर्मा के साथ टीम में चार डीएसपी और 16 स्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को रखा गया है. बता दें कि राजनांदगांव जिले से बांग्लादेशी घुसपैठ के कई मामले उजागर हो चुके हैं।
इसी तरह से रायपुर में एएसपी ममता देवांगन, दुर्ग में सत्यप्रकाश तिवारी, कवर्धा में पुष्पेंद्र सिंह बघेल जैसे अफसरों को जिम्मेदारी दी गई है. यही नहीं नक्सल प्रभावित जिलों में भी घुसपैठियों की तलाश करने बड़ी टीम का गठन किया गया है।
जिले स्तर पर गठित की गई टीम की पहली और महत्वपूर्ण बैठक 5 जून को राजधानी में रखी गई है. बैठक में अधिकारियों को केंद्र सरकार के निर्देशों और कार्रवाई से अवगत कराया जायेगा। जिले में किस तरह से घुसपैठियों की तलाशी की जानी है इसकी विस्तारित चर्चा की जाएगी. साथ ही जिला पुलिस बल के साथ टास्क फ़ोर्स का समन्वय कैसे होगा इस पर भी बातचीत होगी।
एडीजी इंटेलिजेंस अमित कुमार का कहना है केंद्र सरकार की ओर से राज्यों को जो निर्देश दिए गए हैं उसपर प्रभाव पूर्ण तरीके से काम किया जा रहा है. देशभर में अवैध प्रवासियों की जांच पड़ताल के निर्देश मिले थे, छत्तीसगढ़ को भी केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से निर्देश प्राप्त हुए है, जिले में घुसपैठियों की तलाश तेजी से जारी है. पुलिस ने कई महत्वपूर्ण कार्रवाई की है. इसी कड़ी में सभी 33 जिलों में स्पेशल टास्क फ़ोर्स (STF) का गठन किया गया है।
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