यूपीएस लाना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक फैसला : जीतन राम मांझी
By : hashtagu, Last Updated : August 25, 2024 | 9:02 pm
इस पर केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी (Union Minister Jitan Ram Manjhi) ने कहा कि देशभर में इस योजना से 25 लाख कर्मचारियों को फायदा मिलेगा। अगर राज्य सरकार राजी हो जाए तो देशभर में कुल 90 लाख कर्मचारियों को इसका फायदा मिलेगा। यह पीएम नरेंद्र मोदी का ऐतिहासिक फैसला है। उन्होंने कर्मचारियों के परिश्रम का उचित मुआवजा और उचित दाम देने का काम किया है। इसके लिए हम सब पीएम मोदी का आभार व्यक्त करते हैं।
मध्य प्रदेश सरकार के खेल एवं युवा कल्याण मंत्री विश्वास कैलाश सारंग ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हर वर्ग के कल्याण के बारे में सोचते हैं। यूपीएस कर्मचारियों को बड़ी सौगात मिली है, कर्मचारी संघ इसका स्वागत कर रहा है। केंद्र सरकार द्वारा लिए गए फैसले से आने वाले समय में बड़े परिणाम सामने आएंगे, इस बड़े फैसले से कर्मचारियों को फायदा होगा। प्रधानमंत्री सभी वर्गों के अभिभावक के रूप में काम कर रहे हैं। वहीं, कांग्रेस के रवैए को लेकर पूछे सवाल पर विश्वास सारंग ने कहा कि कांग्रेस का काम हर मुद्दे पर द्वेष की राजनीति करना है।
यूपीएस को लेकर सरकार के आयुष, खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ ने कहा कि लोगों में इस बात को लेकर नाराजगी थी कि सरकार ने पुरानी पेंशन योजना को खत्म कर दिया है। लेकिन मोदी सरकार ने इसे कैबिनेट में पास कराकर साबित कर दिया है। इस योजना के तहत केंद्र सरकार के 25 लाख कर्मचारियों को लाभ मिलेगा। पीएम मोदी के इस फैसले से देश के कर्मचारियों का भविष्य सुरक्षित होगा।
आम लोगों ने भी इसकी सराहना की है। एक युवक पवन राय ने कहा कि यह केंद्र सरकार का सराहनीय कार्य है। इस योजना को पहले ही लागू किया जाना चाहिए था। सरकार जीवन भर सरकारी काम करने वाले कर्मचारियों को रिटायरमेंट के समय पेंशन दे रही है। सरकार का यह फैसला बेहतरीन है। इस योजना से हर वर्ग के कर्मचारी खुश हैं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के प्रोफेसर डॉ. राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि सरकार को इस बात का पूरा अहसास है कि जब कर्मचारियों को पेंशन नहीं मिलती है तो उन्हें क्या परेशानी होती है। यह बहुत दुखद है कि जो कर्मचारी जीवन भर दूसरों के लिए काम करते हैं, उन्हें अंत में अपनी आजीविका के लिए दूसरों पर निर्भर रहना पड़ता है। यह मामला सरकार तक पहुंचा और सरकार ने बहुत सोच-विचार के बाद यह योजना पेश की है।
पूर्व कर्मचारी शैलेंद्र त्रिपाठी ने कहा कि कर्मचारियों की ओर से लंबे समय से इसकी मांग की जा रही थी। यह योजना पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) से जुड़ी हुई है। इसे फिर से लागू करना सरकार की अच्छी पहल है।
बता दें कि, इस योजना से केंद्र सरकार के लगभग 25 लाख कर्मचारियों को लाभ होगा। राज्य सरकारों को एकीकृत पेंशन योजना चुनने का विकल्प भी दिया जाएगा। यदि राज्य सरकार यूपीएस का विकल्प चुनती हैं, तो लाभार्थियों की संख्या लगभग 90 लाख होगी। सरकार के मुताबिक एरियर पर 800 करोड़ रुपये का खर्च आएगा। पहले वर्ष में वार्षिक लागत वृद्धि लगभग 6,250 करोड़ रुपये होगी। यह योजना 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगी।
केंद्र सरकार के कर्मचारियों को एनपीएस और यूपीएस के बीच चयन करने का विकल्प दिया जाएगा। केंद्र सरकार के एनपीएस ग्राहकों को यूपीएस पर स्विच करने का विकल्प भी दिया जाएगा।