नई दिल्ली, 1 सितंबर (आईएएनएस) देश में जब भी बात लाइफ इंश्योरेंस (Life insurance) की आती है तो लोगों के मन में सबसे पहला नाम भारतीय जीवन बीमा निगम (Life Insurance Corporation of India) का आता है। आज के समय में यह देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है। एलआईसी की स्थापना आज से 68 साल पहले एक सितंबर, 1956 को हुई थी। इसकी स्थापना ऐसे समय पर हुई थी, जब आजादी के बाद इंश्योरेंस सेक्टर काफी कठिन दौर से गुजर रहा था और एलआईसी के आने के बाद इस सेक्टर में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला।
धीरे-धीरे राष्ट्रवाद की ब्यार वही और 1886 तक देश में कई भारतीय बीमा कंपनियां खड़ी हो गई। बीसवीं सदी की शुरुआत में बीमा कारोबार में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली। कंपनियों की संख्या बढ़कर 44 हो गई और इनका व्यापार करीब 22.44 करोड़ रुपये का था, बाद में इन कंपनियों की संख्या बढ़कर 176 तक पहुंच गई और इनका व्यापार बढ़कर 1938 तक 298 करोड़ रुपये तक पहुंच गया।
यह वह समय था, जब बीमा कंपनियों के वित्तीय स्थिति को लेकर ठीक नहीं थी। इसके बाद देश 1947 में आजाद हुआ। फिर सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया और 245 इंश्योरेंस कंपनियों का विलय कर लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट (एलआईसी एक्ट) के जरिए 5 करोड़ रुपये की पूंजी से एलआईसी की स्थापना की।
एलआईसी की स्थापना का उद्देश्य देश के हर नागरिक तक विशेषकर ग्रामीण इलाकों में इंश्योरेंस की सुविधा सही कीमत पर पहुंचाना था। 1956 में एलआईसी के कॉर्पोरेट ऑफिस के अलावा 5 जोनल ऑफिस, 33 डिविजनल ऑफिस और 212 ब्रांच ऑफिस थे। एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार आज के समय में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के पास 2048 ब्रांच ऑफिस, 113 डिविजनल ऑफिस, 8 जोनल ऑफिस और 1381 सेटेलाइट ऑफिस और कॉरपोरेट ऑफिस हैं। इसकी बाजार हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से अधिक हैं।
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