ओवैसी के ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे पर सियासी संग्राम! आरएलएम और भाजपा नेता ने बोला हमला

By : hashtagu, Last Updated : June 26, 2024 | 9:59 pm

पटना, 26 जून (आईएएनएस)। मंगलवार को लोकसभा सांसद के रूप में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने पद एवं गोपनीयता की शपथ ली। इस दौरान उन्होंने ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे (Jai Palestine slogans) लगाए, ओवैसी के इसक नारे के बाद सिसायी बयानबाजियों का दौर शुरू हो गया है। भाजपा के तमाम नेताओं ने ओवैसी के इस कदम की आलोचना करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। आरएलएम नेता रामपुकार सिन्हा और भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने औवैसी पर बड़ा हमला बोला है।

  • ओवैसी की ओर से सदन में ‘जय फिलिस्तीन’ के नारे लगाए जाने पर रामपुकार सिन्हा ने कहा की फिलिस्तीन का नारा लगाना गैर संवैधानिक है। लगता है असदुद्दीन ओवैसी भारत में फिलिस्तीन राज लाना चाहते हैं। ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाकर वह भारत को क्या संदेश देना चाहते हैं?

उन्होंने कहा कि ओवैसी की ओर से सदन में लगाए गए नारे की मैं घोर निंदा करता हूं, जैसा कल्चर फिलिस्तीन का है, भारत में वैसा कल्चर मैं तो क्या भारत की जनता भी नहीं लाने देगी। संसद में इस तरह का नारा लगाकर उन्होंने देशवासियों के दिल पर कड़ा प्रहार किया है। उन्हें ऐसी बात नहीं बोलनी चाहिए थी।

भाजपा प्रवक्ता कुंतल कृष्ण ने कहा कि जब संसद के रिकॉर्ड से ओवैसी के नारे को हटा दिया गया है, तो उस पर कुछ कहने की ज़रूरत नहीं है। संसद और संसद के सदस्यों ने उनके बात को इस लायक नहीं समझा कि उसे कार्रवाई में शामिल किया जा सके।

  • उन्होंने कहा कि बैरिस्टर साहब की पूरी कोशिश रहती है कि किसी भी तरीके से मुस्लिम तुष्टिकरण और ध्रुवीकरण किया जाए। बैरिस्टर साहब गलती पर गलती किए जा रहे हैं। जनता उन्हें ऐसा सबक सिखाएगी कि उनके आने वाली पुश्ते भी याद रखेंगी कि ऐसा गलती भारत के लोकतंत्र में नहीं होनी चाहिए।

आपको बताते चलें, असदुद्दीन ओवैसी ने लोकसभा सांसद के रूप में पद एवं गोपनीयता की शपथ लेने के दौरान ‘जय फिलिस्तीन’ का नारा लगाया था। इसके बाद सदन में जोरदार हंगामा हुआ था। एनडीए के तमाम नेताओं ने ओवैसी के इस कदम की आलोचना करते हुए उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की थी। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील हरिशंकर जैन ने राष्ट्रपति को चिट्ठी लिखकर ओवैसी की संसद सदस्यता रद्द करने की मांग की है।