छत्तीसगढ़। विधानसभा चुनाव के बाद अब कांग्रेस में आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो चुका है। पूर्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल, अमरजीत भगत, पूर्व विधायक बृहस्पत सिंह के बाद डॉ. विनय जायसवाल (Dr. Vinay Jaiswal) ने बड़ा आरोप लगाया है। उनका कहना है कि चंदन यादव ने मुझसे सात लाख रुपए लिए (Chandan Yadav ) थे। यादव कांग्रेस के प्रभारी सचिव हैं। विनय ने टिकिट की लॉबिंग के लिए रिश्वत लेने का आरोप लगाया है।
विनय जायसवाल ने कहा कि टिकिट के एवज और पार्टी फंड के लिए उनसे सात लाख रूपए लिए गए। उन्होंने पूर्व डिप्टी सीएम टी एस सिंहदेव पर भी गंभीर आरोप लगाया है। एक दिन पहले ही पूर्व राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल ने पूर्व सीएम भूपेश बघेल पर गंभीर आरोप लगाया था। बता दें कि डॉ.जायसवाल की पत्नी मनेंद्रगढ़ की महापौर हैं। जायसवाल ने टी एस सिंहदेव पर आरोप लगाते हुए कहा कि जो-जो राजदरबारी थे उनको टिकिट दी गई। रमेश सिंह, जतिन जायसवाल सब राज दरबारी हैं। बीजेपी और आर एस एस के साथ मिलकर षड्यंत्र रचा गया, फर्जी सर्वे रिपोर्ट तैयार की। जिन विधायकों का काम अच्छा था, उनके बीच जान बूझकर खराब सर्वे रिपोर्ट का डर फैलाया गया।
विनय जायसवाल का कहना है कि सब कुछ आर एस एस और बीजेपी का सुनियोजित षड्यंत्र था। मैं विनिंग कैंडिडेट था राज दरबारी नहीं, इसलिए टिकिट काटी गई, पार्टी फोरम में सब बताऊंगा, किस होटल में कितने बजे रुपए मांगे गए। इसी तरह से और लोगों से भी रुपए लिए गए होंगे। टिकिट देने के नाम पर कांग्रेस के दोनों प्रभारी सचिव चंदन यादव और उल्का संदिग्ध रहे।
जायसवाल ने मांग की कि टी एस, चंदन यादव और सप्त गिरी शंकर उल्का तीनों को पार्टी से बाहर किया जाए। विनय जायसवाल द्वारा लगाए गए गंभीर आरोपों के बाद कांग्रेस पार्टी में बवाल मच गया है और कई नेता इस तरह की बातों को पार्टी फोरम में रखने की नसीहत दे रहे हैं।
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