रायपुर। प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय (Prajapita Brahmakumari Divine University) के वार्षिक परियोजना सकारात्मक परिवर्तन वर्ष का शुभारंभ करने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु (President Draupadi Murmu) पहुंचीं। इस दौरान उनका भव्य और आत्मीय स्वागत हुआ। उन्होंने अपने संबोधन की शुरूआत में कहा, सभी को जय जोहार !।
कहा, पूरी मानवता के कल्याण के लिए ब्रह्मकुमारी परिवार बहुत अच्छा कार्य कर रहा है। मैं इसके लिए बधाई देती हूँ। सकारात्मक परिवर्तन को लेकर ओडिशा में यह कार्यक्रम शुरू हुआ है और मैं आज यहाँ आप सभी के बीच में भी हूं। मैं यहाँ पहले ही आ चुकी हूँ। फिर से बुलाने के लिए आप सभी को धन्यवाद। छत्तीसगढ़िया सबले बढ़िया !
कहा, एक ओर हमारा देश नित-नई ऊंचाइयों को छू रहा है, चांद पर तिरंगा लहरा रहा है या विश्वस्तर खेल में कीर्तिमान रच रहा है। हमारे देशवासी अनेक नए कीर्तिमान स्थापित कर रहे हैं। कहा दूसरी ओर एक अत्यंत गम्भीर विषय है कुछ दिन पहले नीट की तैयारी कर रहे दो विद्यार्थियों ने अपने जीवन, अपने सपनों अपने भविष्य का अंत कर दिया। ऐसी घटनाएं नहीं होनी चाहिए बल्कि हमें प्रतिस्पर्धा को सकारात्मक रूप से लेना चाहिए हार-जीत तो होती रहती है। छात्रों को संदेश धैर्य और कड़ी मेहनत के साथ अपनी रुचि के क्षेत्र में करें प्रयास, कभी निराश न हों।
यह युग साइंटिफिक युग है। अभी के बच्चे बहुत शार्प माइंड के होते हैं। थोड़ा धैर्य कम होता है। हमारे ब्रह्मकुमारी परिवार के सदस्य कई बरसों से इस दिशा में काम कर रहे हैं। मेरी आध्यात्मिक यात्रा में भी ब्रह्मकुमारी संस्था ने मेरा बहुत साथ दिया है। जब मेरे जीवन में कठिनाई थी तब मैं उनके पास जाती थी।
कहा, आत्मविश्वास ही ऐसी पूंजी है जिससे हम अपना रास्ता ढूँढ सकते हैं। हम सभी टेक्नालाजी के युग में जी रहे हैं। बच्चे आर्टिफिशियल इंजीनियरिंग की बात कर रहे हैं लेकिन यह भी जरूरी है कि दिन का कुछ समय मोबाइल से दूर रहकर भी बिताएं। साइंस और टेक्नालाजी के साथ आध्यात्मिकता को भी जोड़े तो जीवन आसान हो जाएगा।
कहा, ब्रह्मकुमारी में सब लोग भारत में ही नहीं दुनिया भर में शांति के लिए कार्य कर रहे हैं। सब शांति के विस्तार के लिए प्रयास कर रहे हैं। प्रबल शक्ति से किये गये कार्य से सफलता मिलती है। ये दुनिया को बेहतर बनाने में अपना अमूल्य योगदान दे रहे हैं। छत्तीसगढ़ में आपने जो काम आरंभ किया है मैं उसके लिए आपको बधाई देती हूँ। स्वर्णिम युग का स्वप्न जो हम देख रहे हैं रामराज्य के लिए हमें राम बनना होगा, सीता बनना होगा। शारीरिक और मानसिक तत्व के लिए ये बहुत जरूरी है। यह केवल ब्रम्हकुमारी में सिखाया जाता है।
बेटी इतिश्री के साथ राष्ट्रपति ने की भगवान जगन्नाथ की पूजा
इससे पहले राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अपनी बेटी इतिश्री के साथ भगवान जगन्नाथ मंदिर पहुंचकर पूजन और आरती भी की। इस दौरान उनके साथ राज्यपाल और मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। यह पहला मौका है, जब राष्ट्रपति अपनी बेटी के साथ किसी यूनिवर्सिटी और धार्मिक कार्यक्रम में शामिल होने आई हैं। राष्ट्रपति की बेटी इतिश्री पेशे से बैंकर हैं। अपने पिता श्यामचरण मुर्मू और दो भाइयों को खोने के बाद बेहद कठिन समय में मां द्रौपदी मुर्मू का सहारा बनीं थीं। इतिश्री के पति गणेश चंद्र हेम्ब्रम रग्बी खिलाड़ी हैं।
यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का ‘राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन-CM भूपेश-और मेयर एजाज’ ने किया स्वागत…देखें एक ‘झलक’
यह भी पढ़ें : राष्ट्रपति ‘द्रौपदी मुर्मु’ पर भूपेश बोले, ऐसा लगा ‘जैसे’ कोई अपना, अपने ही ‘घर’ आया