नई दिल्ली, 6 जून (आईएएनएस)। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Congress leader Rahul Gandhi) के आरोपों पर पलटवार करते हुए केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल (Union Minister Piyush Goyal) ने आरोप लगाया है कि लोकसभा चुनाव में मिली हार की हताशा में वो देश और विदेश के निवेशकों को भ्रमित कर डराने की कोशिश कर रहे हैं।
भाजपा राष्ट्रीय मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा के वरिष्ठ नेता पीयूष गोयल ने कहा कि राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भाजपा और हमारे नेताओं पर अनाप-शनाप आरोप लगाए हैं। इससे साफ जाहिर होता है कि लोकसभा चुनाव में विपक्ष की हार की हताशा से राहुल गांधी अभी तक उबर नहीं पाए हैं।
गोयल ने कहा कि आज भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। पूरी दुनिया, भारत को सबसे तेज गति से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था के रूप में स्वीकार रहा है। पीएम मोदी ने देश को आश्वस्त किया है कि उनके तीसरे कार्यकाल में भारत विश्व की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। मोदी सरकार के 10 साल के सफल कार्यकाल की वजह से शेयर बाजार ने कीर्तिमान और रिकॉर्ड बनाए हैं, मार्केट से हमारे भारतीय निवेशकों ने भी लाभ लिया है। आज भारतीय शेयर बाजार दुनिया के टॉप देशों की लिस्ट में शामिल है। यही वजह है कि आज देश और दुनिया का विश्वास भारत, भारत की सरकार और पीएम मोदी के ऊपर है। दुनिया भर में भारतीय शेयर बाजार का मान-सम्मान है और सेबी ने भी कई कीर्तिमान स्थापित किए हैं।
उन्होंने भारतीय निवेशकों के लाभ कमाने का जिक्र करते हुए दावा किया कि यूपीए सरकार की तुलना में मोदी सरकार के कार्यकाल में विदेशी निवेशकों की भागीदारी कम हुई है और भारतीय निवेशकों, खासकर खुदरा निवेशकों, की भागीदारी और आमदनी दोनों बढ़ी है। पिछले दो महीनों में विदेशी निवेशकों की तुलना में भारतीय निवेशकों ने ज्यादा लाभ कमाया है। एग्जिट पोल आने के बाद भी भारतीय निवेशकों ने महंगे दामों पर शेयर बेचकर लाभ लिया और जब चुनावी नतीजा आने के बाद बाजार गिरा तब भी भारतीय निवेशकों ने सस्ते दामों पर खरीदकर कमाई की और भारतीय निवेशकों का नुकसान नहीं हुआ। पिछले दिनों में जो भी नुकसान हुआ है, वो विदेशी निवेशकों का ही नुकसान हुआ है।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी के आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद हैं और उन्हें इस बात की चिंता करनी चाहिए कि मतगणना के दिन जब शुरू में उनके गठबंधन की सीटें ज्यादा नजर आ रही थी तो मार्केट गिरना शुरू हो गया था यानी बाजार को कांग्रेस पर भरोसा नहीं था।
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