मॉस्को, 15 अगस्त (आईएएनएस)। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) ने गुरुवार को भारत की आजादी के 78वें वर्ष पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (President Draupadi Murmu and Prime Minister Narendra Modi) को बधाई दी और आजादी के बाद भारत विकास यात्रा की सराहना की। उन्होंने कहा कि उनका देश दोनों देशों के बीच संबंधों को बहुत महत्व देता है। एक अन्य बयान में, रूसी विदेश मंत्रालय ने भी दोनों देशों के बीच दीर्घकालिक साझेदारी की सराहना करते हुए कहा कि विश्व मंच पर अब भारत की आवाज प्रमुखता से सुनी जाती है।
पुतिन ने भारत के स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए अपने संदेश में लिखा, “एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में अपने विकास के 77 वर्षों के दौरान, आपके देश ने सामाजिक, आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी मामलों के साथ-साथ कई अन्य क्षेत्रों में सफलता का हासिल कर अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिष्ठा अर्जित की है।” उन्होंने कहा, “हम भारत के साथ अपने संबंधों को बहुत महत्व देते हैं और मुझे यकीन है कि हाल ही में मॉस्को में भारत के साथ हुए समझौते से दोनों देशों के बीच सहयोग और गहरा होगा। इसमें कोई संदेह नहीं है कि यह हमारे मित्र देशों के हितों की पूर्ति करेगा और साथ ही अंतरराष्ट्रीय स्थिरता और सुरक्षा को मजबूत करेगा।”
इस बीच, रूसी विदेश मंत्रालय ने भी दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों की सराहना करते हुए कहा कि रूस-भारत के मैत्रीपूर्ण संबंध समानता, आपसी सम्मान और विश्वास पर आधारित हैं। रूसी विदेश मंत्रालय ने नई दिल्ली को अपने स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाओं में कहा,” विश्व मंच पर भारत की आवाज प्रमुखता से सुनी जाती है।अंतरराष्ट्रीय मामलों में भारत एक प्रमुख रचनात्मक भूमिका निभाता रहा है।
दोनों देश अपने संबंधों को और मजबूत बनाने के लिए व्यापार, आर्थिक, निवेश, वैज्ञानिक, तकनीकी, सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग को बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं।” रूसी विदेश मंत्रालय ने कहा कि अपनी आजादी के बाद भारत ने आर्थिक, वैज्ञानिक, तकनीकी और सामाजिक क्षेत्रों में महत्वपूर्ण सफलता हासिल की है और सदियों पुराने इतिहास और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के आधार पर अपनी पहचान को बनाए रखा है। स्वतंत्रता दिवस पर “भारतीय मित्रों” को बधाई देते हुए, मास्को ने इस बात पर प्रकाश डाला कि यूएसएसआर ने भारत के औद्योगीकरण के साथ-साथ इसकी आर्थिक और वैज्ञानिक क्षमता के विकास में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
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