6 राज्यों से आए ‘एकलव्य विद्यालयों’ के छात्र, करेंगे राष्ट्रपति से मुलाकात! ‘छत्तीसगढ़’ के बच्चे भी होंगे रुबरू

छह अलग-अलग राज्यों से आए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) के विद्यार्थी 22 अगस्त को राष्ट्रपति भवन जाएंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू.....

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  • Updated On - August 21, 2023 / 09:24 PM IST

नई दिल्ली, 21 अगस्त (आईएएनएस)। छह अलग-अलग राज्यों से आए एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (EMRS) के विद्यार्थी 22 अगस्त को राष्ट्रपति भवन जाएंगे और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (President Draupadi Murmu) से भेंट करेंगे। दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा हासिल करने वाले विद्यार्थी जनजातीय कार्य मंत्रालय और जनजातीय विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) द्वारा आयोजित शैक्षणिक यात्रा के हिस्से के रूप में राष्ट्रपति भवन जा रहे हैं। विद्यार्थी 23 अगस्त को सवेरे संसद भवन की यात्रा पर भी जाएंगे। इस प्रतिष्ठित संस्थान की यात्रा से विद्यार्थियों को संसद भवन के कामकाज से परिचित होने और संसद से जुड़ी भूमिकाओं और दायित्वों की समग्र समझ तैयार करने का एक अनूठा अवसर मिलेगा।

केंद्र सरकार के जनजातीय कार्य मंत्रालय का कहना है कि पूरा कार्यक्रम, एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) विद्यार्थी समुदाय के लिए एक साथ जुडे़ विभिन्न अनुभवों के समूह के रूप में कार्य करेगा। इस शैक्षणिक यात्रा का उद्देश्य विद्यार्थियों के समग्र विकास में अत्यधिक योगदान देना है, जिससे उन्हें आगे बढ़ने के लिए एक मंच मिलेगा और साथ ही उनके जीवन पर एक अमिट छाप छोड़ेगा।

छह राज्यों, राजस्थान, उत्तराखंड, झारखंड, मध्य प्रदेश, ओडिशा और छत्तीसगढ़ के लगभग 500 एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालयों (ईएमआरएस) के विद्यार्थी 22 अगस्त, 2023 को नई दिल्ली स्थित डॉ. अंबेडकर अंतर्राष्ट्रीय केंद्र का दौरा भी करेंगे। जनजातीय कार्य मंत्रालय और जनजातीय विद्यार्थियों के लिए राष्ट्रीय शिक्षा समिति (एनईएसटीएस) एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय (ईएमआरएस) के विद्यार्थियों की केंद्रीय जनजातीय कार्य मंत्री अर्जुन मुंडा से भी मुलाकात होगी।

केंद्रीय मंत्रियों व वरिष्ठ आईएएस अधिकारियों के साथ बातचीत के लिए एक सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है। इस तरह के सम्मेलन के आयोजन का उद्देश्य विद्यार्थियों को शिक्षा, करियर और छात्रवृत्ति योजनाओं से संबंधित मामलों पर विचारों, अंतर्दृष्टि और अनुभवों के आदान-प्रदान के लिए सार्थक बातचीत के लिए एक मंच प्रदान करना है।

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