रायपुर। आम आदमी के होते, ज्यादा से ज्यादा तीन अरमान। दो वक्त की रोटी, तन भर कपड़ा और हो अपना एक मकान। पूरी उम्र करके काम, नहीं किया कभी आराम, एक-एक ईंट जोड़कर भी, नहीं हो पाता खुद का मकान। ऐसी ही विंडबना छत्तीसगढ़ के गरीब आदिवासी और ग्रामीण अंचल के लोगों की थी। लेकिन इस असहनीय भावनात्मक रूप से गरीब के दंश को पीएम मोदी और मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से बेहतर कोई दूसरा राजनेता नहीं समझ सकता। यह कहना न्यायोचित होगा कि नरेंद्र मोदी ने आदिवासी समुदाय और गरीबी की पीड़ा को समझने वाले विष्णुदेव साय को प्रदेश की बागडोर सौंपी। जिसे अपने सुशासन के जरिए साय अपने संवेदनाओं के साथ छत्तीसगढ़ के हर गरीब की रोटी-कपड़ा और मकान की मुरादें पूरी करने के लिए संकल्पित हैं। कांग्रेस की पूर्ववर्ती सरकार में पूरे 5 साल रूकी पीएम आवास के हितग्राहियों की राशि सीएम बनते ही विष्णुदेव साय ने जारी की। साथ ही अब नए पीएम आवास की सौगात प्रदेश को दी है।
सीएम की संवेदनशीलता और अपने व्यवहार से मंगलवार को राजधानी रायपुर के सरदार बलबीर सिंह जुनेजा इंडोर स्टेडियम में आयोजित ‘मोर आवास मोर अधिकारÓ में हितग्राहियों के पांव पखारकर उनका आशीर्वाद लिया। मुख्यमंत्री ने अपने प्रशासनिक और राजनीतिक जीवन का एक भावुक और अद्वितीय उदाहरण प्रस्तुत करते हुए भगवान श्री कृष्ण भक्त और उनके परम मित्र सुदाम के रिश्ते को चरितार्थ कर एक अनुपम कृति प्रस्तुत की। लोग इस कार्यक्रम में चर्चा कर रहे थे कि विष्णुदेव भैया है तो अब कोई चिंता की बात नहीं।
मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इसके माध्यम से जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों को यह संदेश भी दिया है की वे स्वयं को आम जनता से ऊपर न समझकर स्वयं को जनता का सेवक समझें। मानवीय दृष्टिकोण से आदर के साथ आमजन की समस्याओं को सहृदयतापूर्वक सुनकर उनका त्वरित निराकरण सुनिश्चित करें। मुख्यमंत्री साय के द्वारा हितग्राहियों के पांव पखार कर आशीर्वाद लेना छत्तीसगढ़ में जनप्रतिनिधियों और आम जनता के बीच विश्वास और सेवा का प्रतीक बन गया है।
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