रायपुर। राज्यपाल के अंग्रेजी में दिए गए अभिभाषण पर रोका-टोकी हुई। उसके बाद विपक्ष ने किसान के अत्महत्या (Farmer’s suicide) का मुद्दा उठाया। फिर द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा के लिए गुरुवार का दिन निर्धारित किया गया है। इससे पहले राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन (Governor Vishwabhushan Harichandan) का अभिभाषण हुआ। इसके बाद मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सदन पटल पर दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन ने अंग्रेजी में अपने अभिभाषण की शुरुआत करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य की छठवीं विधानसभा के प्रथम सत्र में आप सभी नवनिर्वाचित सदस्यों का हार्दिक स्वागत और अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र के इस पावन मंदिर में नवनिर्वाचित विधानसभा सदस्य के रूप में आपका अभिवादन करता हूं।
साथ ही हमारे देश के महान संविधान, संवैधानिक-लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्श परंपराओं के प्रति अपना आदर भाव व्यक्त करता हूं, जिनके कारण आज इस सदन में आपको संबोधित करने का अवसर मिला है।
राज्यपाल विश्वभूषण हरिचंदन अंग्रेजी में भाषण दे रहे थे। हालांकि हिंदी में भाषण की प्रति सभी सदस्यों को बांटी जा चुकी थी। इसे लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने उन्हें बीच में टोकते हुए कहा कि सदन में अंग्रेजी समझने वाले लोग कम हैं। हिंदी में अभिभाषण की प्रति सबके पास है, इसलिए इसे पढ़ा हुआ मान लिया जाए।
राज्यपाल का भाषण चल रहा था, इसी बीच विपक्ष के सदस्यों ने सदन में किसान आत्महत्या और किसानों को दो साल का बोनस देने का मुद्दा जोर-शोर से उठाया।
राज्यपाल ने विपक्ष के हंगामे को अनसुना करते हुए अपना भाषण जारी रखा। उन्होंने कहा कि मैं भारत निर्वाचन आयोग, मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी छत्तीसगढ़ और उन हजारों अधिकारियों-कर्मचारियों को साधुवाद देना चाहता हूं, जिन्होंने छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया को बहुत अच्छी तरह से संपन्न कराने में अपना अमूल्य योगदान दिया।
बहुत से नक्सलवाद प्रभावित विधानसभा क्षेत्रों में मतदान के अच्छे आंकड़े ये साबित करते हैं कि अपने लोकतंत्र की रक्षा के लिए ग्रामीण और वन अंचल में रहने वाली जनता का मनोबल मजबूत हुआ है। मैं चाहूंगा कि मेरी सरकार के जनहितकारी कार्यों से उनका विश्वास लगातार मजबूत हो।
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