ग्रेटर नोएडा(आईएएनएस)| यूपीएससी (UPSC) की टॉपर इशिता किशोर ने दिल्ली के एयरफोर्स बाल भारती स्कूल से बारहवीं की पढ़ाई की है। केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद की बारहवीं की परीक्षा में उन्होंने शानदार प्रदर्शन किया था। उन्होंने 98 प्रतिशत अंक अर्जित किए। इसके साथ ही उसे दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रतिष्ठित श्रीराम कॉलेज ऑफ कॉमर्स में प्रवेश मिला था। उसके बाद वहां से वर्ष 2017 में इकोनॉमिक्स ऑनर्स में ग्रेजुएशन पूरा किया। उन्होंने यूपीएससी में पॉलिटिकल साइंस और इंटरनेशनल रिलेशंस में कोर्स किया। इशिता ने घर पर रहकर ही सिविल सर्विसेज एग्जामिनेशन की तैयारी शुरू की। इशिता ने भारतीय प्रशासनिक सेवा का विकल्प चुना है और उत्तर प्रदेश कैडर को अपनी वरीयता दी है।
दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाली इशिता किशोर वायुसेना अधिकारी की बेटी हैं, जबकि इनकी मां एक निजी स्कूल में पढ़ाती थीं। इशिता के बड़ा भाई वकील हैं। इशिता राष्ट्रीय स्तर के फुटबॉल खिलाड़ी भी रह चुकी हैं। साल 2012 में सुब्रतो कप फुटबॉल टूर्नामेंट में इशिता ने हिस्सा भी लिया था।
इशिता ने आईएएनएस से बातचीत की और अपने बारे में बताया
प्रश्न : संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा में शामिल होने के बारे में आपने कब सोचा?
“मैंने 2017 से लेकर 2019 तक अर्नेस्ट एंड यंग कंपनी में जॉब किया। जॉब करते-करते सोचा कि लांग टर्म में क्या करना चाहिए। फिर मैंने सोचा कि मुझे पब्लिक सर्विस में जाना चाहिए। इसके बाद मैंने तैयारी शुरू की।”
प्रश्न- यूपीएससी की तैयारी पर आपने कितना समय दिया?
“मैं रोज 8 ये 9 घंटे और कभी-कभार 6 ये 7 घंटे भी पढ़ती थी। एवरेज निकालें तो आठ घंटे रोजाना अपने सब्जेक्ट पर पूरा फोकस करके स्टडी करती थी। इस स्टडी के दौरान मां भी पूरा साथ देती थी।”
प्रश्न- पढ़ाई के दौरान या यूपीएसई की तैयारी की क्या स्ट्रेटजी थी?
“तैयारी की हर स्टेज अलग-अलग होती है। यूपीएसई में कई स्टेज होती है। पहले प्री, फिर मेंस और इंटरव्यू। प्री के लिए एनालिसिस और प्रजेंस ऑफ माइंड चाहिए, प्री के लिए अखबार जरूर पढ़ें।”
प्रश्न- आपने दो बार यूपीडीएसई का अटेंप्ट किया, फिर ऐसा क्या हुआ कि आप सेलेक्ट नहीं हुईं?
“मैंने अपनी गलती को बार-बार एनालाइस किया। उसको समझा और गलतियां जब दूर हो गईं तो रिजल्ट कुछ सपने जैसा ही लगा।”
प्रश्न- आप अपना आइडल किसको मानती हैं?
“बहुत लोगों को, जिसमें मेरे पिता, जो एयरफोर्स में थे, मेरी मां जिन्होंने सब कुछ संभाला है, मेरे लिए और मेरे भाई के लिए बहुत कुछ किया है।”