तीन महीने बाद ‘वंदे भारत स्लीपर ट्रेन’ की सुविधा शुरू होगी : अश्विनी वैष्णव

रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही वह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper Train) में यात्रा कर सकेंगे।

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  • Publish Date - September 1, 2024 / 05:04 PM IST

बेंगलुरु, 1 सितंबर (आईएएनएस)। रेल यात्रियों के लिए खुशखबरी है। जल्द ही वह वंदे भारत स्लीपर ट्रेन (Vande Bharat Sleeper Train) में यात्रा कर सकेंगे। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव (Railway Minister Ashwini Vaishnav) ने रविवार को आईएएनएस से बातचीत के दौरान इस बात की पुष्टि की। उन्होंने बेंगलुरु में बीईएमएल में वंदे भारत स्लीपर कोच का निरीक्षण किया।

  • इस दौरान उन्होंने कहा कि वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का ट्रायल डेढ़ से दो माह में शुरू हो जाएगा। यह ट्रेन सर्विस में तीन महीने के बाद आ जाएगी। इस ट्रेन की खासियत के बारे में उन्होंने बताया, “वंदे भारत स्लीपर, वंदे चेयर, वंदे मेट्रो और अमृत भारत। यह चार ट्रेन आने वाले समय में हमारे देशवासियों को एक अच्छी सर्विस देंगे। ट्रेनों में अनुभव के हिसाब से कई बदलाव किए गए हैं। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में बर्थ को सुरक्षित करने के लिए जंजीर को हटाकर नया मैकेनिज्म लाया गया है। शौचालाय की सुविधा को लेकर विशेष ध्यान रखा गया है।

ड्राइवर की केबिन पर ध्यान दिया गया है।” उन्होंने कहा, “इस कोच में बहुत सी बातों का ध्यान रखा गया है। ट्रेन में आधुनिक तकनीक, सुरक्षा और लोको पायलट और सर्विस स्टाफ के लिए विशेष सुविधाओं का ध्यान रखा गया है। इस ट्रेन में बहुत सारे सेफ्टी फीचर्स हैं। साथ ही, डिज़ाइन में भी बहुत सारे इनोवेशन किए गए हैं। मेंटेनेंस स्टाफ के लिए एक अलग केबिन बनाया गया है। इस ट्रेन की तुलना दुनिया की सबसे अच्छी ट्रेनों से की जा सकती है।

” उन्होंने बताया कि यह ट्रेन 800 से 1000 किलोमीटर की दूरी तय करेंगी। जैसे कि अगर कोई यात्री रात में ट्रेन से सफर शुरू करता है तो अगले दिन मंजिल तक पहुंच जाएगा। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, आम लोगों के लिए शुरू होने वाले इस वंदे भारत स्लीपर ट्रेन में किराया भी आम लोगों की जेब को ध्यान में रखकर ही तय किया जाएगा। जिससे आम आदमी आराम से वंदे भारत स्लीपर में यात्रा कर सके। वंदे भारत स्लीपर ट्रेन का निरीक्षण करने से पहले केंद्रीय मंत्री ने बीईएमएल बेंगलुरु में मानक और ब्रॉड गेज रोलिंग स्टॉक, विनिर्माण सुविधा के लिए नए हैंगर की आधारशिला भी रखी।