नई दिल्ली, 28 जून (आईएएनएस)। पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हो रही राजनीतिक हिंसा की जांच करने के लिए भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा द्वारा गठित चार सदस्यीय फैक्ट फाइंडिंग कमेटी (BJP Four member fact finding committee) ने अपनी रिपोर्ट में राज्य की मुख्यमंत्री पर कई बड़े आरोप लगाए हैं।
पश्चिम बंगाल में लोकसभा चुनाव के बाद हो रही राजनीतिक हिंसा का जायजा लेने के लिए भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा ने 15 जून को त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब के नेतृत्व में चार नेताओं की समिति का गठन किया था। इस चार सदस्यीय समिति में पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद, राज्यसभा सांसद एवं यूपी के पूर्व डीजीपी बृजलाल और सांसद कविता पाटीदार को भी शामिल किया गया था। भाजपा की चार नेताओं की इस समिति ने पश्चिम बंगाल का दौरा करने के बाद एक रिपोर्ट तैयार की है।
समिति के नेताओं ने शुक्रवार को पार्टी अध्यक्ष नड्डा से मुलाकात कर अपनी रिपोर्ट उन्हें सौंप दी।
बताया जा रहा है कि समिति ने अपनी रिपोर्ट में राज्य की मुख्यमंत्री पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा है कि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के शासन में पश्चिम बंगाल अत्यधिक राजनीतिक हिंसा से गुजर रहा है। चुनावों के दौरान लोगों की जान जाना, बलात्कार, यहां तक कि महिलाओं और बच्चों पर हमले आम बात हो गई है। यहां लोकतंत्र का त्योहार दुस्साहस बन गया है। राजनीतिक सत्ता हथियाने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी हर चुनाव में सभी नागरिक अधिकारों का अपहरण कर रही हैं और मानवता को नष्ट कर रही हैं। जहां मुख्यमंत्री स्वयं एक महिला हैं, वहां पुलिस राजनीतिक दबाव में सामूहिक बलात्कार पीड़िता की शिकायत दर्ज नहीं करती। ये मानवता के लिए शर्म की बात है, लेकिन पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी मूकदर्शक बनी हुई हैं और वह हिंसा की मूर्ति बन चुकी हैं।