केंद्र द्वारा दिए गए पैसे का हिसाब देने से इनकार कर रहा पश्चिम बंगाल : मनोज तिवारी

बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक छोड़कर चले जाने पर सांसद मनोज तिवारी

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  • Updated On - July 27, 2024 / 06:33 PM IST

नई दिल्ली, 27 जुलाई (आईएएनएस)। बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (Chief Minister Mamata Banerjee) के नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक छोड़कर चले जाने पर सांसद मनोज तिवारी (MP Manoj Tiwari) ने कहा है कि जब नीति आयोग किसी राज्य के लिए योजना बनाता है और फंड मुहैया कराता है तो उससे यह भी पूछा जाएगा कि पैसा कहां खर्च हुआ। पश्चिम बंगाल केंद्र द्वारा दिए गए पैसे का हिसाब देने से इनकार कर रहा है।

उन्होंने कहा, “बंगाल में केंद्र सरकार द्वारा दिए गए पैसे का दुरुपयोग हो रहा है। ऐसे में अपने राज्य का ख्याल रखने वाले मुख्यमंत्री नीति आयोग की बैठक में जरूर शामिल होंगे। कुछ लोग नीति आयोग को मोदी जी का आयोग समझते हैं। लोगों ने मोदी जी को देश का प्रधानमंत्री बनाया है।”

उन्होंने कहा कि इस बार बजट में 48 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। इस बार विपक्ष इसलिए नाराज है क्योंकि बिहार को 59 हजार करोड़ रुपए और आंध्र प्रदेश को 15 हजार करोड़ रुपए मिले हैं। ये लोग यह हिसाब नहीं लगा पा रहे हैं कि बाकी पैसा किन राज्यों को मिल रहा है।

उन्होंने कहा कि हर राज्य को नीति आयोग की बैठक में शामिल होकर अपने राज्य की योजनाओं को प्रस्तुत करना चाहिए। और जो बजट पास हुआ है उसका उपयोग करना चाहिए। ये लोग विपक्ष की राजनीति में पूरी व्यवस्था को खराब कर देते हैं।

ममता बनर्जी द्वारा नीति आयोग का नाम बदलकर योजना आयोग करने पर मनोज तिवारी ने कहा कि योजनाएं तो बनती रहेंगी, लेकिन जब तक नीति नहीं बनेगी, तब तक योजना का क्रियान्वयन कैसे हो सकेगा। क्या 10 साल में बंगाल की सड़कें नहीं बनी? राजनीतिक विरोध के कारण ये लोग ऐसा व्यवहार करते हैं।

पश्चिम बंगाल से भाजपा विधायक अग्निमित्रा पॉल ने नीति आयोग के मुद्दे पर सीएम ममता बनर्जी पर निशाना साधा और कहा, “हर मुख्यमंत्री को पहले से बता दिया जाना चाहिए कि वह नीति आयोग के कार्यक्रम में क्या बोलेंगे। पूरे भारत से कई मुख्यमंत्री वहां आए थे। वे अपने राज्य के लोगों के लिए कई तरह के प्रस्ताव लेकर आए। आप क्यों नहीं आ सकीं? आप इसलिए नहीं आ सकीं क्योंकि आप कोई काम लेकर नहीं सिर्फ बहस करने आईं थीं।”

उन्होंने कहा, “अगर आप ओडिशा के पूर्व मुख्यमंत्री की तरह होते, तो आप वहां जाकर हिसाब-किताब करते और पैसा वापस लाते। लेकिन आपकी ऐसी मंशा नहीं है। आप वहां सिर्फ राजनीति करने गए थे, आपको उन (इंडिया गठबंधन के) मुख्यमंत्रियों को खुश करना था जो नहीं गए। आप मुख्यमंत्री की भूमिका निभा रही हैं और विपक्ष के नेता की भूमिका भी निभा रही हैं। दुर्भाग्य से हम (पश्चिम बंगाली) इस राज्य में पैदा हुए और हमें आप जैसा मुख्यमंत्री मिला। जबकि पूरे भारत के लोगों को नीति आयोग से बहुत सारी परियोजनाएं, पैसा और सेवाएं मिलेंगी, पश्चिम बंगाल के लोगों को कुछ नहीं मिलेगा।”

आपको बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में दिल्ली में नीति आयोग गवर्निंग काउंसिल की बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री भी शामिल हुए। वहीं, इंडिया ब्लॉक के बहिष्कार के बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी भी इस बैठक में शामिल हुईं। हालांकि, ममता बनर्जी बीच में ही इस बैठक से बाहर निकल गईं। बाहर आने के बाद ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। ममता बनर्जी ने केंद्र सरकार पर भेदभाव का आरोप लगाया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उन्हें बोलने के लिए सिर्फ 5 मिनट का समय दिया गया।

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