शिमला, 28 फरवरी (आईएएनएस)। हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के भाजपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने बुधवार को राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला से मुलाकात की और आशंका व्यक्त की कि एक दिन पहले राज्यसभा चुनाव में क्रॉस वोटिंग करने वाले सत्तारूढ़ काँग्रेस के छह विधायकों को जारी बजट सत्र में विधानसभा से निष्कासित किया जा सकता है। बजट सत्र गुरुवार को समाप्त हो रहा है।
ठाकुर ने राज्यपाल से मुलाकात के बाद मीडिया से कहा कि राज्यसभा चुनाव में छह विधायकों के क्रॉस वोटिंग के बाद कांग्रेस ने 68 सदस्यीय सदन में बहुमत खो दिया है और अब उसे सत्ता में रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, “हमें आशंका है कि अध्यक्ष सभी भाजपा विधायकों, साथ ही उन लोगों को भी विधानसभा से निष्कासित कर सकते हैं जिन्होंने (राज्यसभा चुनाव में) भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान किया था। हमने उनसे हस्तक्षेप की मांग की क्योंकि अध्यक्ष बजट पर मतदान का विकल्प चुनने की बजाय ध्वनि मत से पारित करेंगे।”
उन्होंने कहा कि उन्होंने राज्यपाल से संसदीय प्रक्रियाओं का विनियमन सुनिश्चित करने का अनुरोध किया है।
ठाकुर ने कहा, “कांग्रेस अब हताश हो गई है…उनकी सरकार हमारे कारण नहीं बल्कि उनके अपने कामों के कारण संकट में है।”
एक दिन पहले आश्चर्यजनक उलटफेर में कांग्रेस के छह विधायकों ने राज्यसभा की एकमात्र सीट पर क्रॉस वोटिंग की। भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में मतदान करने वालों में मंत्री पद के इच्छुक सुधीर शर्मा (धर्मशाला) और राजिंदर राणा (सुजानपुर) शामिल थे। उनके अलावा इंद्र दत्त लखनपाल (बड़सर); रवि ठाकुर (लाहौल-स्पीति); चैतन्य शर्मा (गगरेट); और देवेंदर भुट्टो (कुटलैहड़) ने भी क्रॉस वोटिंग की थी। तीन निर्दलीय विधायकों ने भी भाजपा के पक्ष में वोट किया।
इसके साथ ही कांग्रेस के पास 68 सदस्यों वाली विधानसभा में 34 विधायक बचे हैं।
कांग्रेस ने क्रॉस वोटिंग से पैदा संकट को सुलझाने के लिए मंगलवार देर रात अपने वरिष्ठ नेताओं भूपिंदर सिंह हुड्डा और डी.के. शिवकुमार को शिमला भेजा।
संभावना है कि कम से कम चार-पांच और कांग्रेस विधायक बजट पारित होने पर मतदान के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के खिलाफ मतदान करेंगे क्योंकि वे उनकी टकराववादी शैली और विधायकों को विश्वास में लेने में असमर्थता से नाराज हैं।