पाकिस्तान की मस्जिद से हैरान कर देने वाला ऐलान: “जंग हुई तो भारत का देंगे साथ”

By : hashtagu, Last Updated : May 6, 2025 | 12:13 pm

खैबर पख्तूनख्वा, 6 मई 2025: पाकिस्तान (Pakistan) के खैबर पख्तूनख्वा क्षेत्र की एक मस्जिद से एक हैरान करने वाला ऐलान किया गया है, जिसने पाकिस्तान को हिलाकर रख दिया है। मस्जिद के मौलाना मोहम्मद रंगीला ने कसम खाकर कहा कि अगर भारत की सेना पाकिस्तान पर हमला करती है, तो वह भारतीय सेना का साथ देंगे। इस बयान ने न केवल पाकिस्तान बल्कि भारत और अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चौंका दिया।

खैबर पख्तूनख्वा वही इलाका है, जहां तहरीक-ए-तालिबान का प्रभाव है। यहां एक वक्त था जब पाकिस्तान की सेना ने जनता के खिलाफ कार्रवाई की थी और कई इलाके युद्धग्रस्त थे। मौलाना मोहम्मद रंगीला ने पाकिस्तान की सेना और सरकार पर जमकर भड़ास निकाली और कहा कि अब यहां के लोग पाकिस्तान की सेना को नहीं, बल्कि भारतीय सेना को सलाम करने की बात कर रहे हैं। उनका कहना था कि पाकिस्तान के भीतर बगावत के स्वर तेज हो रहे हैं और इस्लामाबाद की सरकार की नीतियों के खिलाफ आवाजें उठ रही हैं।

इसके अलावा, पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद की मशहूर लाल मस्जिद से भी एक ऐसा बयान आया, जिसे सुनकर पाकिस्तान सरकार और सेना के होश उड़ गए। लाल मस्जिद के मौलाना अब्दुल अजीज गाजी ने एक भाषण में कहा कि पाकिस्तान में भारत से ज्यादा दमन है। उन्होंने यह भी कहा कि पाकिस्तान का युद्ध इस्लाम की रक्षा के लिए नहीं, बल्कि राष्ट्रीयता की लड़ाई है। गाजी ने यहां तक कह दिया कि पाकिस्तान की सरकार और सेना से युद्ध में कोई समर्थन नहीं किया जाएगा, क्योंकि यह संघर्ष मुस्लिमों के खिलाफ है, न कि किसी धर्म की रक्षा के लिए।

मौलाना गाजी ने मस्जिद में मौजूद सैकड़ों लोगों से पूछा कि क्या वे भारत के खिलाफ युद्ध में पाकिस्तान की सेना का समर्थन करेंगे, लेकिन हैरानी की बात यह रही कि कोई भी व्यक्ति हाथ नहीं उठाया। इस घटनाक्रम ने पाकिस्तान की स्थिति को और भी कमजोर कर दिया है और इसके चलते वहां के आंतरिक हालात पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।

इस बयान से यह स्पष्ट होता है कि पाकिस्तान में अंदरूनी असंतोष बढ़ता जा रहा है और वहां के लोग सरकार और सेना के खिलाफ खुलकर अपनी आवाज उठा रहे हैं। “जिन्ना साहब का पाकिस्तान अब अंदर से दरकने लगा है,” यह एक बयान पाकिस्तान के भीतर हो रहे बदलाव और असंतोष को उजागर करता है।

यह स्थिति पाकिस्तान के लिए चिंता का कारण बन सकती है, जहां लोगों की सोच बदलने लगी है और एक बड़ी आबादी अब सरकार और सेना की नीतियों से असहमत है।