सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक कदम: जजों की संपत्ति और नियुक्ति प्रक्रिया हुई सार्वजनिक
By : ira saxena, Last Updated : May 6, 2025 | 1:58 pm

नई दिल्ली, 6 मई 2025: भारतीय सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए अपने सभी न्यायाधीशों की संपत्ति की घोषणाएं और नियुक्ति प्रक्रिया को सार्वजनिक कर दिया है। अदालत ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर यह जानकारी अपलोड कर दी है, जिससे अब आम नागरिक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की संपत्ति और उच्च न्यायपालिका में नियुक्तियों की प्रक्रिया को पारदर्शी रूप में देख सकते हैं। यह फैसला सुप्रीम कोर्ट की पूर्ण पीठ द्वारा 1 अप्रैल 2025 को लिया गया था।
सुप्रीम कोर्ट की ओर से जारी एक आधिकारिक बयान में कहा गया कि जिन न्यायाधीशों की संपत्ति संबंधी घोषणाएं पहले से प्राप्त हो चुकी हैं, उन्हें वेबसाइट पर अपलोड कर दिया गया है और शेष घोषणाएं जैसे-जैसे प्राप्त होती जाएंगी, उन्हें भी सार्वजनिक किया जाएगा। इसके साथ ही, सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में नियुक्तियों की पूरी प्रक्रिया को भी वेबसाइट पर प्रकाशित कर दिया है। इसमें राज्य सरकारों, भारत सरकार और सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की भूमिकाओं को विस्तार से बताया गया है, ताकि आम नागरिक यह समझ सकें कि न्यायाधीशों की नियुक्ति कैसे होती है।
न्यायिक नियुक्तियों की जानकारी में उन प्रस्तावों को भी शामिल किया गया है, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने 9 नवंबर 2022 से 5 मई 2025 के बीच स्वीकृति दी थी। इन प्रस्तावों में संबंधित उम्मीदवार का नाम, उच्च न्यायालय, सेवा या बार से उनकी पृष्ठभूमि, कॉलेजियम की सिफारिश की तारीख, न्याय विभाग द्वारा अधिसूचना की तारीख, नियुक्ति की तारीख, सामाजिक वर्ग (SC/ST/OBC/अल्पसंख्यक/महिला) और क्या उम्मीदवार किसी वर्तमान या पूर्व न्यायाधीश के संबंधी हैं—ये सभी विवरण सार्वजनिक कर दिए गए हैं।
मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना की संपत्ति के अनुसार, उनके पास बैंक खातों और फिक्स्ड डिपॉजिट में कुल ₹55.75 लाख की राशि है और उनके पब्लिक प्रॉविडेंट फंड (PPF) खाते में ₹1.06 करोड़ जमा हैं। अचल संपत्तियों में उनके पास दक्षिण दिल्ली में दो बेडरूम का एक फ्लैट, कॉमनवेल्थ गेम्स विलेज में चार बेडरूम का फ्लैट, गुरुग्राम में एक चार बेडरूम फ्लैट में 56 प्रतिशत हिस्सेदारी (शेष 44 प्रतिशत उनकी बेटी के नाम) और हिमाचल प्रदेश में पैतृक संपत्ति है, जो विभाजन से पहले की है।
वहीं, 14 मई 2025 को मुख्य न्यायाधीश बनने जा रहे जस्टिस भूषण गवई ने भी अपनी संपत्ति की घोषणा की है। उनके पास ₹19.63 लाख बैंक खातों में और ₹6.59 लाख पीपीएफ में हैं। उन्होंने महाराष्ट्र के अमरावती में एक विरासत में मिला हुआ मकान, मुंबई और दिल्ली में आवासीय फ्लैट और अमरावती तथा नागपुर में कृषि भूमि की जानकारी दी है। उन्होंने ₹1.3 करोड़ की देनदारियों की भी घोषणा की है।
सुप्रीम कोर्ट का यह कदम न केवल पारदर्शिता की दिशा में बड़ा और साहसिक निर्णय है, बल्कि यह न्यायपालिका में जनता के विश्वास को मजबूत करने की दिशा में भी एक नई मिसाल कायम करता है।